देव गुरु करते हैं निर्माण
हस्त शास्त्र के मुताबिक, हंस योग पंचमहापुरुष में से एक योग है. इसका निर्माण देव गुरू बृहस्पति करते हैं. इसके चलते उन पर धन वर्षा निरंतर होती रहती है. वे जो भी कार्य शुरू करते हैं, उसमें उन्हें सफलता हासिल होती है. देव गुरू उनकी राह में आने वाली प्रत्येक कठिनाइयों को शांत चित्त के साथ दूर करते रहते हैं, जिससे जातक भय रहित होकर अपने कार्यों को अंजाम दे पाते हैं.
हंस योग बनने के लाभ
जिन लोगों की हथेली में यह योग बनता है, उनकी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती और वे हर कार्य में सफलता हासिल करते हैं. ऐसे लोग अपने रिश्तों को ईमानदारी से निभाते हैं. वे सत्यवादी होते हैं. साथ ही अपने जीवन को पूरी स्वतंत्रता से जीना पसंद करते हैं. उन्हें जिंदगी में स्त्री सुख, भवन, वाहन समेत किसी भी चीज की कमी नहीं रहती. ऐसे लोगों की योजनाएं अक्सर सफल साबित होती हैं.
भगवान में होती है गहरी श्रद्धा
कहते हैं कि जिनकी कुंडली में यह योग बनता है, वे सात्विक जीवन जीना पसंद करते हैं. भगवान और भक्ति में उनकी गहरी आस्था होती है. ऐसे लोग छोटे-बड़े सबको भरपूर सम्मान देते हैं. इसकी वजह से लोग भी उन्हें सम्मान प्रदान करते हैं. नौकरी करने वाले ऐसे जातक उच्च पदों को हासिल करते हैं. ऐसे लोगों का व्यक्तित्व इतना शानदार होता है कि हर किसी को मोह लेता है. वे समाज में सम्मान का विषय होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. dainikpahuna.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)