इस्लामाबाद: आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान (Pakistan) को समझ आ गया है कि भारत से बैर केवल उसकी परेशानियां ही बढ़ाएगा. यही वजह है कि नई दिल्ली से सभी रिश्ते तोड़ने का दंभ भरने वाला पाकिस्तान अब दोनों देशों के बीच व्यापार पर जोर दे रहा है. वाणिज्य और निवेश पर प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद का कहना है कि भारत के साथ व्यापार समय की जरूरत है और ये भारत से ज्यादा पाकिस्तान के लिए फायदेमंद है.
‘व्यापार फिर से शुरू किया जाए’
पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल रजाक दाऊद ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि जहां तक वाणिज्य मंत्रालय का सवाल है, वो ऐसी स्थिति में है कि भारत के साथ व्यापार हो और मेरा रुख ये है कि हमें भारत के साथ व्यापार करना चाहिए. दोनों देशों के बीच व्यापार को फिर से शुरू किया जाना चाहिए, ये वक्त की मांग है.
बढ़ती महंगाई पर कही ये बात
अब्दुल रजाक दाऊद ने आगे कहा कि वह भारत से साथ व्यापार का समर्थन करते हैं, क्योंकि ये पाकिस्तान के लिए बेहद फायदेमंद है. उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ व्यापार सभी, खासकर पाकिस्तान के लिए बहुत फायदेमंद है और मैं इसका समर्थन करता हूं’. पाकिस्तान में रिकॉर्ड तोड़ महंगाई और लोगों पर उसके प्रतिकूल प्रभाव पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे पर सहमत हूं, लेकिन तेल, कच्चे माल, मशीनरी और अन्य सामानों के आयात के कारण यह समस्या बनी रहेगी.
पहले भी इच्छा दर्शा चुका है PAK
इससे पहले भी, पाकिस्तान ने भारत से व्यापार बहाल करने की बात कही थी, मगर विपक्ष के विरोध की वजह से इमरान सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े. भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2019 से ही व्यापार बेहद कम हो रहा है. उसी साल जनवरी में कश्मीर के पुलवामा हमले में 40 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया और पाकिस्तान से व्यापार पर कस्टम ड्यूटी 200 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी. इसका असर ये हुआ कि भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार कुछ ही महीनों के अंदर 10 प्रतिशत से भी कम रह गया.
प्रतिबंधों से किसे ज्यादा नुकसान?
भारत ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई थी, जिससे बौखलाए पाकिस्तान ने भारत से आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ. पाकिस्तान के कपड़ा और चीनी उद्योग इस व्यापार प्रतिबंध का काफी ज्यादा असर है, वहीं भारत के सीमेंट, सेंधा नमक और छुहारे आदि ड्राई फूट्स के बाजार पर इस प्रतिबंध का असर पड़ा है. प्रतिबंध की इस लड़ाई से पाकिस्तान को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है. वहां का कपड़ा और दवा उद्योग कच्चे माल के लिए भारत पर निर्भर है और प्रतिबंधों के कारण उसकी पहले जैसी सप्लाई नहीं हो पा रही है.
कई तरह की रुकावटें
भारत और पाकिस्तान के बीच कम व्यापार होने के और भी कई कारण है. साल 2018 में आई विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर दोनों देश व्यापार प्रक्रिया को आसान बनाते हैं, टैरिफ को कम करते हैं और वीजा नीति सरल करते हैं, तो दोनों का व्यापार 2 अरब डॉलर से बढ़कर 37 अरब डॉलर का हो सकता है. वैसे, हाल के दिनों की बात करें तो भारत पाकिस्तान के बीच व्यापार में थोड़ी बढ़ोतरी आई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारत से पाकिस्तान को निर्यात दिसंबर में बढ़कर 2.94 अरब हो गया, जो नवंबर 2021 में 1.82 अरब था.