मुंबई: हर किसी को खुबसूरत मुस्कान पंसद होती है. लोग इसके लिए काफी कुछ करते हैं, लेकिन अब इसके लिए आपको एक्स्ट्रा खर्चा करना होगा. दरअसल, अब स्माइल फिक्सिंग ट्रीटमेंट यानी दांतों को सफेद करने या विनियर लगाने जैसी सर्विस पर 18 प्रतिशत GST देना होगा.
AAR की बैंच ने लिया फैसला
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी-अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (AAR) की महाराष्ट्र बेंच ने अपने हालिया फैसले में डेंटल हेल्थ सर्विस के बीच अंतर किया है. इन्हें अब कॉस्मेटिक उपचार की तरह माना जाएगा. अब केवल उन डेंटल हेल्थ सर्विस पर टैक्स नहीं लगेगा जिन्हें जिन्हें अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के रूप में बांटा जा सकता है.
स्माइल फिक्सिंग ट्रीटमेंट पर देना होगा GST
इसके लिए ज्योति सेरामिक्स द्वारा अग्रिम फैसला मांगा गया था. ये आर्टीफिशियल दांत बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सिरेमिक सामग्री के बनाने और आपूर्ति के अलावा एक डेंटल हॉस्पिटल भी चलाते हैं. डेंटल हेल्थ क्लिनिक में प्रदान की जाने वाली सेवाओं में सभी डेंटल केयर उपचार शामिल हैं, जिसमें दांतों को ब्लीच करना या सफेद करना और दांतों पर पॉलिश करना शामिल करना शामिल है.
केवल इन स्वास्थ्य सेवाओं पर रहेगी टैक्स में छूट
एएआर बेंच ने कहा कि जीएसटी कानूनों के तहत ‘स्वास्थ्य सेवा’ का अर्थ भारत में किसी भी मान्यता प्राप्त चिकित्सा प्रणाली में बीमारी, चोट, विकृति, असामान्यता या गर्भावस्था के निदान या उपचार या देखभाल के माध्यम से कोई भी सेवा है. इसमें रोगी की संबंधिक अस्तपताल से आने-जाने की परिवहन सेवाएं भी शामिल हैं. हालांकि, इसमें हेयर ट्रांसप्लांट या कॉस्मेटिक या प्लास्टिक सर्जरी शामिल नहीं है, सिवाय इसके कि ये जन्मजात दोषों, विकास संबंधी असामान्यताओं, चोट या आघात के कारण प्रभावित शरीर के अंग की शारीरिक रचना या कार्य के पुनर्निर्माण के लिए किया जाता है.
इसे देखते हुए एएआर ने माना कि दांतों की ब्लीचिंग और स्माइल फिक्सिंग ट्रीटमेंट जैसी सेवाएं स्वास्थ्य सेवा नहीं होंगी और उन पर 18% जीएसटी लगेगा. आर्टिफिशियल दांतों को ठीक करने के संबंध में एएआर ने माना कि अगर ये स्वास्थ्य सेवाओं के रूप में प्रदान किए जाते हैं तो इसके लिए कोई जीएसटी नहीं लगेगा. यानी किसी भी कॉस्मेटिक इलाज में स्वास्थय सेवाओं की छूट नहीं मिलेगी.