छुरिया। माँ बम्लेश्वरी समूह से जुड़ी हरियाली बहिनी पलास के फूलों से रंग-गुलाल बनाने कल ग्राम फाफामार में प्रशिक्षण ग्राम सोनवानी टोला, टीपानगढ़, तेंदूटोला, मासुल की महिलाओं को दी गई, साथ ही मोहला विकासखंड के कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया गया। इस दौरान श्रीमती फूलबासन यादव ने पलास के फूलों से रंग-गुलाल बड़े स्तर पर बनाने के लिये हरियाली बहिनी की तारिफ करते हुए कहा कि रंग-गुलाल को केमिकल युक्त बनाये इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें लोगों का विश्वास कायम रहें इसके लिये विशेष ध्यान देना होगा। हरियाली बहिनी अभियान प्रमुख शिव कुमार देवांगन ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान पलास के फुल एवं पालक की भाजी से गुलाल बड़ी संख्या में बनाई गई है अब इसे बाजार में बिक्री करने तैयार की जा चूकी है साथ ही पलास के फूलों से पावडर भी तैयार की गई है जिसे भी बेची जायेगी। 15-20 वर्ष पूर्व पलास के फूल को गरम पानी में उबालकर होली खेली जाती रही है रेडीमेंट केमिकल रंग गुलाल का प्रचलन शुरू होने के चलते अब पलास के फूलो के रंगों से होली नही खेली जा रही है जिसकों देखते हुए गाँव-गाँव में बिना लागत से तैयार होने वाले पलास के फूलों से होली खेलने जागरूकता अभियान साथ ही प्रशिक्षण दी जा रही है पलास फूल औषधि से भरपूर होने से त्वचा एवं स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। प्रशिक्षण के दौराण 3 कुंटल गुलाल का आर्डर भी प्राप्त हो चुका है इसमें मार्केटिंग की कोई दिक्कत नही हो रही है पहले आओं तभी पाओं के दर्ज पर रंग-गुलाल मिल पायेगा। होली 14 मार्च को होने के कारण गाँव-गाँव में रंग-गुलाल का लगातार प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है।