वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपने दूसरे बजट में डोंगरगढ़ परिक्रमा पथ (कॉरिडोर) और Y शेप ओवरब्रिज के निर्माण की घोषणा की. इसके अलावा केंद्र सरकार की “प्रसाद योजना” का नाम बदलकर “मां बम्लेश्वरी तीर्थ विकास योजना” कर दिया गया है. इस योजना के तहत मंदिर पहाड़ी के चारों ओर परिक्रमा पथ (कॉरिडोर) और श्री यंत्र की आकृति में एक भव्य मोटेल का निर्माण किया जाएगा.

डोंगरगढ़ में होंगे ये प्रमुख विकास कार्य:
1. Y-सेप ओवरब्रिज का निर्माण – इससे शहर में यातायात सुगम होगा और तीर्थयात्रियों को बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी.
2. मां बम्लेश्वरी तीर्थ विकास योजना के तहत –
• 41.33 करोड़ रुपये की लागत से ओपन एयर थिएटर, ,सोलर पावर सिस्टम, लैंडस्केपिंग, मेडिटेशन सेंटर आदि का निर्माण
• 7.50 करोड़ रुपये की लागत से बम्लेश्वरी मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, सीढ़ियों की मरम्मत, रेलिंग और शेडिंग, बायो टॉयलेट, पैगोडा, प्राथमिक उपचार केंद्र
• 5.41 करोड़ रुपये की लागत से प्रज्ञागिरी क्षेत्र में मेडिटेशन सेंटर, लाइब्रेरी, कैंटीन, सीढ़ियों की मरम्मत, स्तूप निर्माण आदि
3. मंदिर पहाड़ी के चारों ओर भव्य परिक्रमा पथ (कॉरिडोर) का निर्माण – इससे श्रद्धालु परिक्रमा कर सकेंगे और तीर्थस्थल को और अधिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाया जाएगा.
4. श्री यंत्र की आकृति में भव्य मोटल का निर्माण – यह मोटल तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए होगा, जिससे डोंगरगढ़ में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा.
डोंगरगढ़ पहले से ही हिंदू और बौद्ध धर्म का आस्था केंद्र रहा है. लेकिन आचार्य विद्यासागर जी महाराज की समाधि के बाद यह जैन धर्मावलंबियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन चुका है. सरकार द्वारा घोषित ये योजनाएं डोंगरगढ़ को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं.
हर साल लाखों श्रद्धालु मां बम्लेश्वरी मंदिर और अन्य तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए यहां आते हैं. इन विकास कार्यों से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही डोंगरगढ़ का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व और अधिक बढ़ेगा.
