मध्य प्रदेश के मंडला जिले में दो साल की बाघिन मृत पाई गई, जिससे यह साल का छठा बाघ हताहत हुआ। मेहगांव परियोजना संभाग के नैनपुर क्षेत्र के बेत अटरिया में बाघ शावक की मौत की सूचना मिली थी. क्षेत्रीय संभागीय वन प्रबंधक (डीएफओ) राकेश कुडापे के मुताबिक बाघ के शावक की मौत का कारण ‘टाइगर ग्रास’ के नाम से जानी जाने वाली सख्त तेज घास बताई जा रही है. पोस्टमॉर्टम के दौरान पता चला कि बाघ के शावक का दिल घास की तेज धार से फट गया है। सूचना मिलते ही डीएफओ व उनकी पूरी टीम पशु चिकित्सकों की टीम के साथ मौके पर पहुंची और मौके का मुआयना किया. हालांकि तलाशी के दौरान कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
बाघिन की मौत की वजह
‘कथाई घास’ डॉक्टरों की टीम ने जब बाघ के शावक का पोस्टमार्टम किया तो उसने पाया कि बाघ के शावक के दिल से सख्त घास का एक तेज हिस्सा पार हो गया था। पोस्टमॉर्टम के बाद बाघ शावक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। डीएफओ ने कहा- घास को क्षेत्रीय भाषा में ‘कथाई घास’ कहा जाता है। टाइगर ग्रास का कोण कहां से आया यह पता नहीं चल पाया है। लेकिन घास के बारे में चर्चा के बाद हमने घास के नमूने का आदेश दिया है और इसके बारे में जानकारी जुटा रहे हैं ।