छत्तीसगढ़ के बस्तर में घने जंगल ,पहाड़ और नदियां होने से प्राकृतिक सौंदर्य की भरमार है, लेकिन नक्सलियों के खौफ की वजह से लोग बस्तर की खूबसूरत नजारों का लुत्फ नहीं उठा पाते हैं। सैलानियों के भीतर से इसी डर को खत्म करने के लिए और बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से अब छत्तीसगढ़ सरकार दंतेवाड़ा समेत संपूर्ण बस्तर में एडवेंचर पार्क बनाने की दिशा में काम करने जा रही है।
दंतेवाड़ा में बनेगा एडवेंचर पार्क ,बेखौफ होकर पर्यटन का आनंद लेंगे सैलानी
छत्तीसगढ़ का बस्तर अपनी समृद्ध संस्कृति के अलावा कुदरती सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है। हरे-भरे जंगल , मनमोहक झरने और पर्वत श्रृंखलाओं से घिरी हरी-भरी वादियां बस्तर को धरती का स्वर्ग बनाती हैं। बस्तर संभाग के सभी जिलों के नक्सल प्रभावित होने की वजह से लोग इस खूबसूरती को देखने से कतराते रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने अब लोगों के मन से लाल आतंक के भय को खत्म करने के साथ ही बस्तर पर्यटन को देश के पटल पर एक विशेष पहचान दिलाने के लिए माता दंतेश्वरी की नगरी दंतेवाड़ा में डंकिनी नदी के किनारे पर एडवेंचर स्पोर्ट्स पार्क बनाने का फैसला लिया है।
बस्तर पर्यटन को नई दिशा देने का प्रयास
मिली जानकारी के मुताबिक दंतेवाड़ा में मनाए जाने वाले एडवेंचर पार्क को बेहद ही खास तौर पर विकसित किया जाएगा । मकसद यह है कि छत्तीसगढ़ ही नहीं ,बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग यहां आकर रोमांच और पर्यटन का आनंद ले सकें। सरकार पहले चरण में संभाग स्तर जिला प्रशासन और वन विभाग के साझा प्रयास से एडवेंचर पार्क को विकसित करेगी। उसके बाद राज्य शासन अन्य मदों का भी इस्तेमाल करते हुए संपूर्ण बस्तर के पर्यटन स्थलों को विकसित करेगी।
सातधार जलप्रपात तक होगा एडवेंचर राइड
दंतेवाड़ा में डंकिनी नदी के किनारे बनाए जा रहे एडवेंचर पार्क का विस्तार केवल नदी तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे दंतेवाड़ा के और भी पर्यटन स्थलों तक जोड़ा जाएगा । मिली जानकारी के मुताबिक एडवेंचर स्पोर्ट्स के जरिए साइकल जीप लाइन का निर्माण करके पर्यटक ढोलकल पहाड़ियों और सातधार जलप्रपात तक भी जा सकेंगे ।एडवेंचर पार्क में बस्तर के युवाओं को खेल, नई तकनीक की शिक्षा प्रशिक्षकों और खेल विशेषज्ञों के जरिये से ट्रेनिंग दी जाएगी। पर्यटन के क्षेत्र में पर्यटकों की रुचि का केन्द्र और दंतेवाड़ा जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
ढोलकल गणेश जाना होगा सुलभ
दंतेवाड़ा जिले में ढोलकाल पहाड़ी में भगवान गणेश की प्रतिमा बेहद प्रसिद्ध है। फरसगांव के पहाड़ों में 3000 फीट की ऊंचाई पर विराजे भगवान गणेश के दर्शन करने देश और विदेश से पर्यटक हर साल दर्शन पहुंचते हैं। ढोलकाल गणेश की फैलती ख्याति को ध्यान में रखते हुए अब सरकार ने वहां पर्यटन सुविधाओं का विस्तार करने का फैसला लिया है। ढोलकाल में जल्द ही बस्तर और छत्तीसगढ़ की पारंपरिक शैली के मुताबिक पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था और बस्तर की पारंपरिक खान-पान को गढ़कलेवा रेस्टोरेंट के जरिये की जायेगी। ताकि सैलानी बस्तर के सौंदर्य के साथ ही वहां की संस्कृति को भी करीब से समझ सकें।