सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन : मुठभेड़ में मारे गए 42 नक्सली, हिड़मा के फरार होने की खबर

जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया गया है. इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. सूत्रों के मुताबिक, बीजापुर पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 42 नक्सली मारे गए हैं. 34 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए है. मौके से हिड़मा और देवा फरार होने की खबर सामने आ रही है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार सुबह से करीब 5 हजार से अधिक की संख्या में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों ने माओवादी संगठन के बटालियन नंबर-1 के नक्सलियों को घेर रखा है. लगातार दोनों ओर से गोलीबारी जारी है. यह मुठभेड़ कर्रेगट्टा, नडपल्ली, पुजारी कांकेर की पहाड़ी पर जारी है. इस मुठभेड़ में छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट के जवानों ने मोर्चा संभाला है. अब तक 100 से अधिक आईईडी मिलने की बात सामने आई है, जिन्हें जवानों को निशाना बनाने के मकसद से बिछाया गया था.

इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1, 2, समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं. बताया जा रहा है कि मौके पर 100 से अधिक संख्या में नक्सली मौजूद हैं. टॉप नक्सली लीडर हिड़मा, देवा, विकास समेत आंध्र-तेलंगाना-महाराष्ट्र के सेंट्रल कमेटी, DKSZCM (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी), DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर), ACM (एरिया कमेटी मेंबर), संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स के नक्सली भी यहां मौजूद थे, जिसमें से हिड़मा और देवा के फरार होने की खबर सामने आ रही है.

हिड़मा पर है 45 लाख का इनाम

हिड़मा नक्सलियों की बटालियन को लीड करता है. हिड़मा के ऊपर 45 लाख का इनाम रखा गया है. 25 मई 2013 की खूनी नक्सली वारदात याद है तो आपको झीरम घाटी की घटना भी याद होगी. इस दिन बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस की टॉप लीडरशिप समेत 33 लोगों की हत्या कर दी थी. इस कांड में माडवी हिड़मा का नाम प्रमुख रूप से आता है. बता दें कि छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र के घने जंगलों छिप-छिपकर रहने वाला माडवी हिड़मा ने सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस समेत कई एजेंसियां इस मामले में हिड़मा की तलाश कर रही है.

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