सिर्फ पानी ही नहीं, पाकिस्तान के साथ पूर्ण व्यापार बंद कर देना चाहिए : अशोक चौधरी

राजनांदगांव।  भारतीय जनता पार्टी के नेता अशोक चौधरी ने कहा कि 1960 का पाकिस्तान के साथ हुआ सिंधु जल समझौता से ज्ञात हुआ कि भारत ने सिंधु जल समझौता में तीन नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया जिसके कारण पंजाब में और जम्मू कश्मीर में आज तक पानी का संकट बना हुआ है। समझ में नहीं आता की 1947 के बंटवारे में पाकिस्तान को 55 करोड़ रूपया दिया गया वह एक मजबूरी थीऔर 1960 के जल समझौते में 12000 करोड़ रूपया पानी को समुचित उपयोग में लाने के लिए पाकिस्तान में नहर बनाने हेतु इतनी बड़ी धनराशि दी गई एक आम भारतीय होने के नाते मेरे मन में यह विचार आता है कि ऐसा क्या दबाव था या की मजबूरी थी या इसे बेवकूफी भरा निर्णय कहेंगे की 1960 में दिया गया 12000 करोड़ जो आज बढ़कर एक लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है हमने पाकिस्तान को विकास के लिए दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि 1965 एवं 1971 की लड़ाई पाकिस्तान से हुआ जिसमें भारत विजय भी हुआ लेकिन ग्राउंड में वास्तविक जीत पाकिस्तान की हुई लड़ाई जीतने के बाद टेबल पर जो समझौता हुआ उसमें हम हार गए उस समय सिंधु जल समझौता यदि रद्द हुआ होता तो पाकिस्तान की वह औकात ही नहीं होती कि आज वह आतंकी संगठन चला पता कारगिल युद्ध के बाद अटल बिहारी वाजपेई जैसे समझदार नेताओं से भी गलती हुई कि पाकिस्तान को माफ कर दिया गया। पहलगाम की घटना के बाद जो निर्णय मोदी जी की सरकार ने जल समझौता समाप्त करके दिया है उसमें जल्द से जल्द क्रियान्वयन होना चाहिये।

पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए पानी का भारत में रोकना असंभव तो नहीं है लेकिन मुश्किल जरूर है यह कार्य प्रमुखता से करना आवश्यक है भारत को पाकिस्तान से आयात की जाने वाले और निर्यात के जाने वाले वस्तुओं पर शक्ति से रोक लगाना भी आवश्यक है भारत को 1960 जल समझौता में दिए गए राशि को भी वापस पाकिस्तान से मांगना चाहिए हमारे शासनाध्यक्षों की उदारता का ग़लत फायदा पाकिस्तान ने उठाया है उसको इसका परिणाम पाकिस्तान को भुगतना पड़ेगा पूरे देश की जनता विश्व का जनमत भारत के साथ है इसका लाभ श्री मोदी जी को उठाना चाहिए यदि पूर्व की कांग्रेस सरकार की भांति सिर्फ हल्ला कर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो भारत सरकार के ऊपर से लोगों का विश्वास उठ जाएगा जनता अपने को असहाय समझेगी जो भारत जैसे उन्नत सील देश के लिए अच्छा नहीं होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!