BBC India को पहलगाम के आतंकवादियों को ‘उग्रवादी’ कहने पर सरकार ने लिखा पत्र, रिपोर्ट की होगी निगरानी

नई दिल्ली। पहलगाम की घटना में आतंकवादियों (Terrorists) को उग्रवादियों (Militants) कहे जाने पर भारत सरकार ने संज्ञान लेते हुए ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के भारत प्रमुख को पत्र लिखा है. इसके साथ ही अब विदेश मंत्रालय (एमईए) का एक्सपी डिवीजन बीबीसी की रिपोर्टिंग की निगरानी करेगा.

बीबीसी के खिलाफ केंद्र की कार्रवाई ऐसे समय में हुए है, जिसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पहलगाम हमले के मद्देनजर गलत जानकारी देने पर पाकिस्तान के 16 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें डॉन, समा टीवी, एआरवाई न्यूज, जियो न्यूज, रजीनामा, जीएनएन, इरशाद भट्टी आदि शामिल हैं, जो “भारत के खिलाफ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री और गलत सूचना” फैलाने के लिए हैं.

पहलगाम हमले की जांच कर रही एनआईए

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को हमले की जांच अपने हाथ में ले ली थी और वह आतंकी साजिश को उजागर करने के लिए सबूतों की तलाश में पूरे इलाके की गहन जांच कर रही है.

एनआईए ने एक बयान में कहा, “आतंकवादियों की कार्यप्रणाली के सुराग के लिए जांच कर रही एनआईए की टीमें प्रवेश और निकास बिंदुओं की बारीकी से जांच कर रही हैं. फोरेंसिक और अन्य विशेषज्ञों की मदद से टीमें आतंकी साजिश को उजागर करने के लिए सबूतों की तलाश में पूरे इलाके की गहन जांच कर रही हैं, जिसके कारण देश को झकझोर देने वाला यह भयानक हमला हुआ.”

कश्मीर में सबसे भीषण आतंकी हमलों में से एक को अंजाम देने वाली घटनाओं के सिलसिले को जोड़ने के लिए चश्मदीदों से भी बारीकी से पूछताछ की जा रही है.

अधिकारियों ने बताया कि एनआईए, अन्य केंद्रीय एजेंसियां ​​और जम्मू-कश्मीर पुलिस पहले से ही महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में हमले में बचे लोगों के बयान दर्ज कर रही हैं. एजेंसियों के अधिकारियों ने दर्जनों ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) से भी पूछताछ की है और लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और अन्य संगठनों से जुड़े आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है जो वर्तमान में जेलों में बंद हैं.

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