राजस्थान। राजस्थान (Rajasthan) का चित्तौड़गढ़ जिला (Chittorgarh District) अफीम (Opium) को लेकर तो पहले से ही फैमस है अब यहां नकली नोटों का मामला भी सामने आया है. पुलिस ने जिले की निम्बाहेड़ा तहसील (Nimbahera Tehsil) के मंडलाचारण गांव (Mandalacharan Village) में बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने यहां दबिश देकर नकली नोट बना रहे 2 आरोपियों किशनदास चारण और सोनू गोस्वामी को गिरफ्तार किया है. आरोपी A-4 साइज के पेपर से नकली नोट बना रहे थे.
चित्तौड़गढ़ एसपी प्रीति जैन ने बताया कि सोमवार को सूचना के आधार पर आरोपी किशनदास चारण की दुकान के पीछे वाले कमरे में दबिश दी गई. वहीं पर उदयपुर जिले का फतहनगर निवासी सोनू गोस्वामी भी था. मकान में नकली नोट बनाने के उपकरण थे जहां से नकली नोट छापकर सप्लाई की जाती थी. मौके से 500 रुपए के 568 और 100 रुपए के 643 जाली नोट मिले हैं. सोनू पहले भी नकली नोट बनाने के मामले में गिरफ्तार हो चुका है. सोनू और किशनदास ने जनवरी में हो नया प्रिंटर खरीदा था.
इस प्रिंटर के जरिए ये असली नोट को स्कैन करके उसका नॉर्मल A-4 साइज के कागज में प्रिंट निकालते निकलते थे. फिर स्केल, कटर, टेप आदि की सहायता से कलर प्रिंट होने के बाद कटिंग करते थे. कटिंग के लिए नोट की साइज की डाई बना रखी थी. सोनू ने बड़े-बड़े व्यापारियों से डील का प्लान बनाया था. ये प्रिंट निकालकर नकली नोट बाजार में बेचने की फिराक में भी थे. ये शातिर एक ही सीरीज के 50-50,100-100 या 500-500 के नोट बनाते थे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपी दिखावा करने के लिए मजदूरी और चाय का काम करते थे. जबकि ये 1 दिन में 40 से 50 हजार रुपए के नकली नोट छापते थे. ये शातिर 1 लाख रुपए असली नोट के बदले 3 लाख रुपए के नकली नोट देने का सौदा करने वाले थे.