नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को एक बिलियन डॉलर का बेलआउट “तत्काल वितरित” करने की अनुमति दी है. इस बेलआउट पैकेज के लिए हुए भारत ने हिस्सा नहीं लिया था.
वाशिंगटन स्थित वैश्विक ऋणदाता ने कहा कि उसके निर्णय से “लगभग 1 बिलियन डॉलर का तत्काल वितरण” संभव हो गया है, जिससे व्यवस्था के तहत कुल वितरण लगभग 2.1 बिलियन डॉलर हो जाएगा”. इस संबंध में पाक पीएमओ से जारी बयान में कहा गया है कि शहबाज शरीफ ने “आईएमएफ द्वारा 1 बिलियन डॉलर की मंजूरी और भारत की मनमानी रणनीति की विफलता पर संतोष व्यक्त किया है…”
भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के लिए विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) ऋण कार्यक्रम की समीक्षा करने के लिए आईएमएफ के बोर्ड में अपना विरोध दर्ज कराया, जिसमें तर्क दिया गया कि इस फंड का दुरुपयोग किया जा सकता है. नई दिल्ली ने इस महत्वपूर्ण बैठक में मतदान से परहेज किया.
इस बीच आईएमएफ का यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब पाकिस्तानी सेना ने लगातार तीसरी रात पश्चिमी भारतीय शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हथियार ले जाने वाले ड्रोन और मिसाइलें दागी हैं.
आईएमएफ में भारत का विरोध
भारत ने आईएमएफ द्वारा 2.3 बिलियन डॉलर तक के ऋण देने के प्रस्ताव का विरोध किया था, जिसमें 1.3 बिलियन डॉलर का रिलायंस और सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी ऋण कार्यक्रम भी शामिल है. भारत ने तर्क दिया कि इस धन का दुरुपयोग किया जा सकता है – राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए – और वितरण पर मतदान से दूर रहकर विरोध किया.