पाकिस्तान और अमेरिका को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान…

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक रहे तनाव पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि इस दौरान हमें काफी अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला। भारत के पास यूएनएससी का प्रस्ताव था कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए से जवाबदेह ठहराया भी गया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के आतंकियों के खिलाफ चलाया गया था और इस दौरान पाकिस्तानी आर्मी के पास एक विकल्प था कि वह अलग खड़ी रहे और हस्तक्षेप न करे। विदेश मंत्री ने यह भी साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म नहीं करता है, तब तक सिंधु जल संधि पर रोक जारी रहेगी। तनाव में कुछ नरमी आने के बाद पाकिस्तान ने बीते दिन भारत को पत्र लिखकर जल संधि पर फिर से विचार करने की अपील की थी।

होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के अवसर पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमारे लिए यह बहुत अच्छी बात है कि हमारे पास होंडुरास का नया दूतावास है। वे उन देशों में से एक हैं जिन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के समय मजबूत एकजुटता व्यक्त की थी। विदेश मंत्री ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पूरी तरह से द्विपक्षीय ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह सालों से राष्ट्रीय सहमति है और इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी। पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक लिस्ट है, जिसे सौंपे जाने की जरूरत है, और उन्हें आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। वे जानते हैं कि क्या करना है। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ये वे बातचीत हैं, जो संभव हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट करके जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें हासिल कर लिया है। चूंकि प्रमुख लक्ष्य हासिल कर लिए गए थे, इसलिए मुझे लगता है कि हमने उचित रूप से यह रुख अपनाया, क्योंकि ऑपरेशन की शुरुआत में ही हमने पाकिस्तान को यह संदेश भेज दिया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, न कि सेना पर और पाकिस्तानी सेना के पास यह विकल्प था कि वह अलग खड़ी रहे और हस्तक्षेप न करे। उन्होंने इस अच्छी सलाह को न मानने का फैसला किया। एक बार 10 मई की सुबह उन्हें बुरी तरह से नुकसान पहुंचा। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने कितना नुकसान किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया। यह स्पष्ट है कि गोलीबारी बंद करना कौन चाहता था।”

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