दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। विजय शाह ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगाई है। अगली सुनवाई सोमवार को तय की गई है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि ‘पाकिस्तानियों ने हमारे देश के लोगों के कपड़े उतारे, लेकिन हमने उनकी समाज की बहन (कर्नल सोफिया कुरैशी) को भेजकर उनकी ऐसी तैसी करवा दी।’ विजय शाह ने आगे कहा था कि ‘आतंकियों ने कहा था मोदी को बताना कि उन्होंने हमारे हिंदुओं को मारा और उनके कपड़े उतारे। इसलिए मोदी जी ने उनकी बहन को हमारी सेना के जहाज में भेजा, ताकि वह उन्हें सबक सिखा सके।’
हाईकोर्ट ने दिए थे FIR के निर्देश
मंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई। कांग्रेस पार्टी ने चौतरफा हमला बोलते हुए इस्तीफे की मांग की। इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए। जबलपुर HC के जस्टिस अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
HC के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का किया रुख
इसके बाद इंदौर के महू के मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। विजय शाह के खिलाफ यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की तीन गंभीर धाराओं – धारा 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के तहत दर्ज की गई है। इसके बाद विजय शाह ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।