फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो) का फैसला
राजनांदगांव। न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो) राजनांदगांव पीठासीन न्यायाधीश शैलेष शर्मा द्वारा पॉक्सो एक्ट के एक मामले में तारीख 2 मार्च 2022 को फैसला सुनाते हुए नाबालिक के बलात्कारी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 भाग-2 के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) की धारा 4 (2) के आरोप में आजीवन कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदंड की सजा से दण्डित किये जाने का दण्डादेश पारित किया गया है। अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त को एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा पृथक से भुगतनी होगी। मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक परवेज़ अख्तर ने पैरवी की।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि लगभग ढाई वर्ष पहले पड़ोसी आरोपी करन मरकाम, उम्र 21 वर्ष द्वारा रात्रि बाथरूम के लिए उठी नाबालिक पीड़िता के मुंह को दबा कर डरा-धमका कर उसका हाथ खींचकर अपने घर ले गया और जबरदस्ती उसके साथ बलात्कार किया और घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दिया। पीड़िता की लिखित शिकायत के आधार पर चौंकी सुरगी थाना बसन्तपुर द्वारा मामला पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया था। दौरान जांच के आरोपी करन मरकाम को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। संपूर्ण विवेचना उपरान्त आरोपी करन मरकाम के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 376, 506 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत् चालान विचारण हेतु विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।