गौठान में महिलाएं आर्थिक गतिविधियों से हो रही सशक्त

राजनांदगांव। स्वसहायता समूह की महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से स्वयं आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। स्वसहायता समूह की महिलाएं आर्थिक गतिविधियों से व्यावसायिकरण के क्षेत्र में कदम बढ़ा रही है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम सुरगी के छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान (एनआरएलएम) अंतर्गत गठित महिला स्वसहायता समूह एवं स्वरधारा महिला कृषक उत्पादक कंपनी खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य कर रही है। स्वसहायता समूह की महिलाएं आजीविका संवर्धन द्वारा गांव में ही आय प्राप्त कर रही है। बिहान की महिलाएं शुद्ध जैविक खाद से उत्पादित हल्दी, मिर्च, धनिया का प्रोसेसिंग के बाद पैकेजिंग कर विक्रय कर रही है। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने सभी छात्रावास, स्कूल, आश्रम, आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्वसहायता समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं को क्रय करने के निर्देश दिए है। स्वसहायता समूह अपने द्वारा उत्पादित सामग्री को छात्रावास, स्कूल, आश्रम, आंगनबाड़ी केन्द्रों में विक्रय किया जा रहा है। इसके तहत स्वसहायता समूह व स्वरधारा महिला कृषक उत्पादक कंपनी सुरगी द्वारा 17 ट्राइबल हॉस्टल, 100 शासकीय स्कूल, मेडिकल कालेज, संकूल पदुमतरा, घुमका, सुरगी और सोमनी के माध्यम से गांव-गांव में शुद्ध जैविक खाद से उत्पादित हल्दी, मिर्च, धनिया का प्रोसेसिंग कर पैकेजिंग करते हुए 250 किलो हल्दी, 300 किलो मिर्च व 350 किलो धनिया की आपूर्ति की जा चुकी है।
शासन की मंशा अनुरूप स्वसहायता समूह की महिलाएं गौठानों से जुड़कर विभिन्न आर्थिक गतिविधियां कर रही है। जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा है। जिले में स्वरधारा महिला कृषक उत्पादक कंपनी सुरगी बिहान द्वारा महिलाओं का एक मजबूत संगठन है। जिनका सुरगी में स्वयं का प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर लगातार कार्य कर रही हंै। साथ ही विकासखंड के अन्य महिला स्वसहायता समूह द्वारा भी मसाला सप्लाई का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से सामग्री का उपयोग कर रहे हॉस्टल, स्कूल के बच्चों को शुद्ध रूप से मसाला उपलब्ध कराने के साथ ही बिहान की महिला स्वसहायता समूहों को लाभ अर्जित हो रहा है। मसाला के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार के लिए महिला समूहों द्वारा हाट बाजारों, गौठानों के मेलों, अन्य स्थानों में स्टाल लगाकर भी विक्रय किया जा रहा है। स्वरधारा संगठन को वर्तमान में 42 हजार रूपए का शुद्ध लाभ हुआ है। साथ ही अन्य समूहों द्वारा मसाला विक्रय कर 24 हजार रूपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया जा चुका है। महिलाएं स्वयं द्वारा संगठित होकर लाभ प्राप्त करने से खुश है। साथ ही उपरवाह के जय माँ भानेश्वरी स्वसहायता समूह द्वारा फिनायल तैयार किया जा रहा है। जिसका 100 से अधिक फिनायल का बॉटल विक्रय किया जा चुका है। ग्राम पंचायत बोइरडीह के गौठान में कार्यरत समूह चांदनी स्वसहायता समूह द्वारा छीन झाड़ू तैयार किया जा रहा है। समूह की सदस्य श्रीमती रीना पारधी अपने अन्य सदस्य के मिलकर 5 हजार से अधिक झाड़ू तैयार कर चुकी है और स्कूल, हॉस्टल अन्य शासकीय कार्यालय में आपूर्ति कर रहे है। आजीविका के कार्य से महिलाओं में नियमित आजीविका के साधन मिला है। जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है।

 

 

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