NCERT का बड़ा फैसला : अब स्कूलों में पढ़ाया जाएगा ऑपरेशन सिंदूर, चंद्रयान मिशन…

Operation Sindoor in NCERT Syllabus: NCERT यानी नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने अपने सिलेबस में एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव करने का फैसला किया है। अब स्कूली छात्रों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में पढ़ाया जाएगा, जो पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ भारत का एक रणनीतिक सैन्य अभियान था। इसके साथ ही, भारत की अंतरिक्ष में ऊंची उड़ानों को भी सिलेबस में शामिल किया जा रहा है। इसमें चंद्रयान-1, आदित्य L1 और हाल में हुए एक्सिओम-4 मिशन के में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा छात्रों को पर्यावरण की रक्षा के लिए भारत के ‘मिशन लाइफ’ (Mission LiFE) अभियान के बारे में भी सिखाया जाएगा।

एनसीईआरटी ने संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले मॉड्यूल जारी कर देने की बात कही है। रिपोर्ट्स की मानें तो यह मॉड्यूल लगभग तैयार हो चुका है और जल्द ही इसके जारी होने की उम्मीद जताई गई है। बताया जा रहा है कि ये स्वतंत्र केस स्टडी होगी जिसे पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश की रणनीतिक सैन्य प्रतिक्रिया पर केंद्रित किया जाएगा।

पूर्व सैन्य अधिकारियों ने की तारीफ

एनसीईआरटी की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने पर कर्नल (सेवानिवृत्त) राजीव खाकेरा ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, मेरे बैच से पता चलता है कि मैं सेना की वायु रक्षा (आर्मी एयर डिफेंस) से हूं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, चाहे वह गन सिस्टम हो या मिसाइल सिस्टम, सेना की वायु रक्षा इकाई ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है। मुझे बहुत खुशी है कि इस उपलब्धि को एनसीईआरटी ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया है। यह पूरे देश के बच्चों को पता होना चाहिए। यह बच्चों के लिए प्रेरक कारक होगा जो उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”

महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने NCERT की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर मॉड्यूल तैयार करने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ये अच्छी बात है। इससे बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है और दुनिया ने भी इसके जरिए भारत का सामर्थ्य देखा।

स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल किए जाने पर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल कपिल दत्त ने कहा, “एनसीईआरटी में इसे शामिल करना बहुत अच्छा निर्णय है। इससे युवा छात्र प्रोत्साहित होंगे और उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विस्तार से जानने का मौका मिलेगा।” सेवानिवृत्त विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी ने कहा, “स्कूली बच्चों और कॉलेज के छात्रों के साथ-साथ आम जनता के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानना आवश्यक है। यह अब एक प्रतीक बन गया है, जो आतंकवाद के अंत का प्रतीक है।”

दो भागों में होगा मॉड्यूल

कक्षा 3 से 12 तक इस मॉड्यूल को दो भागों में लाया जाएगा। पहले कक्षा 3 से 8 तक के लिए और इसके बाद कक्षा 9 से 12 तक के लिए अलग मॉड्यूल होगा। एनसीईआरटी की ओर से तैयार इस मॉड्यूल में पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्रित 8 से 10 पेज होने की संभावना है। आपको बता दें कि एनसीईआरटी की यह पहल अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होने की उम्मीद है। इसे भारत की शिक्षा प्रणाली में सैन्य इतिहास और राष्ट्रीय गौरव को शामिल करने की व्यापक पहल का हिस्सा माना जा रहा है।

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