नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूस का हमला लगातार जारी है जिससे वहां के कई बड़े शहर तबाह हो गए हैं. रूसी हमले में सैनिकों से साथ-साथ आम नागरिकों की भी मौत हो रही है. मरने वालों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि युद्ध के बीच सभी को अलग-अलग दफनाना असंभव हो गया है. युद्ध से सर्वाधिक प्रभावित यूक्रेनी शहरों में से एक मारियूपोल की गलियों, घरों में लाशें बिछ गई हैं, जिन्हें सामूहिक कब्रों में दफनाया जा रहा है.
मारियूपोल के मुर्दाघरों में लाशें इतनी ज्यादा हो गई हैं कि कब्रिस्तान में शवों के दफनाने के लिए भी जगह नहीं बची है. शहर में लगातार हो रही गोलीबारी के बीच लोगों को दफनाना भी सुरक्षित नहीं रह गया है. इस बीच शहर के अधिकारी लाशों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्र बनाकर लाशों को एक साथ उसमें दफन कर रहे हैं. समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मारियूपोल शहर के बीचों बीच एक पुराने कब्र में 25 मीटर लंबी गहरी खाई खोदी गई है. इस खाई में नगरपालिका के समाज सेवा कार्यकर्ता मुर्दाघर और शहर के घरों में मृत पड़े लाशों को लाकर एक साथ दफना रहे हैं.
सामूहिक कब्र में कितने शव?
बता पाना मुश्किल लाशों को कालीन या प्लास्टिक की थैलियों में लपेटकर कब्र तक लाया जा रहा है. मंगलवार को सामूहिक कब्र में दफनाने के लिए चालीस शव आए और बुधवार को 30 शव लाए गए. ये शव उन आम लोगों और सैनिकों के थे जो रूस की गोलीबारी में मारे गए. इनमें से कुछ शव प्राकृतिक कारणों से मरने वालों के भी थे. शहर के दूसरे हिस्सों से भी कार्यकर्ता शवों को ला रहे हैं इसलिए दफन किए जा रहे शवों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. लाशों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ये स्पष्ट नहीं है कि सामूहिक कब्र में अब तक कितने शवों को दफनाया गया है.
शवों को सामूहिक कब्र में धकेलने के बाद उन्हें दफनाने वाले कार्यकर्ता क्रॉस का चिन्ह बनाते दिखे. दफनाने के वक्त मरने वालों के परिवार का कोई सदस्य वहां मौजूद नहीं दिख रहा है. लगातार हो रही गोलीबारी के बीच शवों को दफनाना मुश्किल गोलीबारी के बीच शवों को दफनाने वाले कार्यकर्ताओं को अपने जान की भी चिंता है. वो शवों को जल्दबाजी में दफनाते दिखे. मंगलवार को ही शहर के इसी कब्रिस्तान में रूस की तरफ से फेंके गए गोले गिरे थे. इस हमले से कार्यकर्ताओं ने खुद को बचाया और शवों को दफनाने का काम कुछ समय के लिए रोकना पड़ा. कब्रिस्तान में गोला गिरने से उसकी एक दीवार टूट गई.
शहर में लगातार गोलीबारी हो रही है जिस कारण सामूहिक कब्र में शवों को तो भर दिया गया है लेकिन अभी तक उसके उपर मिट्टी डालकर उसे ढका नहीं गया है. नगरपालिका कार्यकर्ता कब्र को ढकने के लिए गोलीबारी रूकने का इंतजार कर रहे हैं. ‘क्या मेरी मां भी यहीं दफन हैं?’ कब्रिस्तान के बाहर एक महिला खड़ी हैं जो अपनी मृत मां के शव को ढूंढ रही हैं. उन्होंने शवों को दफना रहे लोगों से अपनी मां का नाम लेकर पूछा कि क्या उनकी मां को भी इसी कब्र में दफनाया गया है? महिला ने अपना नाम न बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी एपी से बताया कि उनकी मां तीन दिनों पहले मर गई थीं. गोलीबारी के बीच वो अपनी मृत मां को मुर्दाघर में छोड़ गई थीं. उनके शव के साथ उनका नाम लिखा एक कागज भी था. महिला की बात सुन दफना रहे लोगों ने उन्हें बताया कि उनकी मां भी इसी सामूहिक कब्र में दफनाई गई हैं.