उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव में हुई कांग्रेस की करारी हार पर मंथन करने के लिए सोनिया गांधी ने रविवार शाम 4 बजे कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई है. कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली इस बैठक में कार्यसमिति के सदस्यों के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल होंगे.
राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर शुक्रवार देर शाम हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है. इस बैठक में कपिल सिब्बल, अखिलेश प्रसाद सिंह, मनीष तिवारी और कुछ अन्य नेता शामिल थे.
सूत्रों के अनुसार बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उनके नेतृत्व पर सवाल उठाया गया कि वह पार्टी अध्यक्ष छोड़ चुके हैं, खुद कोई हार की जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते, फिर कैसे वो पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा देने के लिए फिर चन्नी को सीएम चेहरा घोषित कर रहे थे. यूपी में प्रियंका गांधी के प्रदर्शन को लेकर भी सवाल किए गए थे. बैठक में कहा गया प्रियंका की मेहनत यूपी में क्यों कारगर नहीं हुई, मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिलना पार्टी की केंद्रीय नीतियों पर सवाल और खामियों को दर्शाता है.
इससे पहले कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) को बुलाये जाने को लेकर गुरुवार को ही कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि पार्टी ने परिणामों का आत्मनिरीक्षण करने के लिए जल्द ही सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाने का फैसला किया है.
गौरतलब है कांग्रेस के जी-21 नेता का वही समूह है जिसने अगस्त 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में परिवर्तन की मांग की थी.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 2 सीटें मिली हैं. उत्तराखंड में पार्टी को 19 सीटें मिली हैं, जबकि पंजाब में 18, गोवा में 11 और मणिपुर में पांच सीटें मिली हैं.