रायपुर। 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने आज जल सत्याग्रह कर विरोध प्रदर्शन किया. संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों को बर्खास्त किया है, जिसके विरोध में प्रदेशभर के 16 हजार 500 संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने बीते दिनों सामूहिक इस्तीफा सौंपा था, आज जल सत्याग्रह कर शासन को जगाने का प्रयास किया जा रहा है.
स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल पर जाने से ग्रामीण, वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लटक रहा है, जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है. वहीं दूसरी ओर मौसमी बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है, ऐसे में सर्दी-जुकाम, बुखार जैसी बीमारी से ग्रसित लोग इलाज कराने भटक रहे हैं, और निजी अस्पतालों में जाकर मोटी रकम देने को मजबूर हैं.

कबीरधाम जिले के स्वास्थ्यकर्मी ने छत्तीसगढ़ में बड़े मंदिर तलाब में जाकर जल सत्याग्रह किया. उनका आरोप है कि अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले 23 दिनों से वे हड़ताल पर हैं, लेकिन शासन उनकी मांगों को नजरंदाज कर दबाने का प्रयास कर रही है.

बिलासपुर में आंदोलनरत स्वास्थ्यकर्मियों ने अरपा नदी में उतरकर जल सत्याग्रह किया. इसके पहले रामसेतु तक विशाल रैली निकाली. आंदोलन के तहत बुधवार को “कलश चुनरी नियमितीकरण मनोकामना यात्रा” निकलेगी. हड़ताल की वजह से जिला अस्पताल में ओपीडी, सर्जरी, आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुए हैं, वहीं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले नजर आ रहे हैं.
महासमुंद में एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारियों ने खरोरा तालाब में जल सत्याग्रह कर प्रदर्शन किया. एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राम गोपाल खुंटे ने कहा कि हम सरकार के सामने झुकने वाले नहीं हैं, हमारा आंदोलन जारी रहेगा. आज विरोध स्वरूप खरोरा तालाब में जल सत्याग्रह किए. इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो भविष्य में आत्मदाह और जेल भरो आंदोलन भी कर सकते हैं.

कांकेर में 10 सूत्रीय मांग को लेकर मिनी स्टेडियम में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के 23वें दिन एनएचएम कर्मचारियों ने डांडिया तालाब में जल सत्याग्रह किया. जिलेभर के सैकड़ों कर्मचारी-अधिकारी डांडिया तालाब में जल सत्याग्रह के लिए पहुंचे थे. इस दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात थी.
भानुप्रतापपुर में अपने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए स्वास्थ्यकर्मी रैली निकाल नारेबाजी करते हुए राजा तालाब पहुंचे. उन्होंने तालाब में उतरकर जल सत्याग्रह करते हुए शासन के सामने अपनी मांगे रखीं. कर्मचारियों ने कहा कि शासन हमारे साथ भेदभाव कर रही है. कम तनख्वाह में हमारा हमसे पूरा काम करती है और हमारे साथ भेदभाव करती है.

