ट्रेन पहले प्रतिदिन, फिर साप्ताहिक और फिर रद्द
यह ट्रेन पहले प्रतिदिन चलती थी। बाद में इसे साप्ताहिक कर दिया गया और हर शनिवार को परिचालन होने लगा। लेकिन रेलवे बोर्ड के निर्णय के बाद 20 सितंबर से इसे बंद कर दिया गया। इसका आदेश चार नवंबर को जारी हुआ। इसके बाद आरक्षण काउंटर से टिकट कटना बंद हो गया, लेकिन आईआरसीटीसी साइट पर टिकट उपलब्ध रही।
यात्रियों का आक्रोश
शनिवार को सैकड़ों यात्री मुजफ्फरपुर जंक्शन पर जमा हो गए। कंफर्म बर्थ वाले टिकट दिखाकर वे ट्रेन चलाने की मांग करने लगे। यात्री पूछताछ काउंटर पर हंगामा करने लगे। इस दौरान आरपीएफ और जीआरपी ने यात्रियों को समझा-बुझाकर शांत कराया। सीतामढ़ी, औराई और शिवहर से आए यात्रियों ने कहा कि रद्द ट्रेन की सूचना न तो स्टेशन पर और न ही नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम के ऐप पर थी।
ट्रेन रद्द की देरी से हुई घोषणा
स्टेशन मास्टर को जब स्थिति का अंदाजा हुआ तो सुबह करीब 11 बजे माइक से घोषणा कराई गई कि ट्रेन रद्द है। लेकिन तब तक यात्री आक्रोशित हो चुके थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर समय रहते ऐप या स्टेशन पर सूचना दी जाती तो लोग परेशान होकर नहीं आते।