नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि वाशिंगटन भारत को रूसी तेल खरीदने से रोकने की कोशिश कर रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे। सोची में आयोजित वाल्दाई डिस्कशन क्लब को संबोधित करते हुए पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को विशेष और प्रधानमंत्री मोदी को संतुलित और बुद्धिमान नेता करार दिया।
भारत को 9-10 अरब डॉलर का नुकसान
पुतिन ने कहा कि भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात पूरी तरह आर्थिक निर्णय है। इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर भारत हमारे ऊर्जा संसाधन लेना बंद करता है, तो उसे लगभग 9-10 अरब डॉलर का नुकसान होगा। अमेरिका के दबाव में प्रतिबंध लगाए जाते हैं, तो भी नुकसान उतना ही होगा। ऐसे में पीछे हटने का कोई तर्क नहीं है।
मोदी कभी झुकेंगे नहीं
पुतिन ने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री मोदी भारत की गरिमा और रणनीतिक स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के लोग भी अपने नेताओं पर कड़ी नजर रखते हैं। किसी भी बाहरी दबाव या अपमान को स्वीकार नहीं करेंगे। मैं प्रधानमंत्री मोदी को अच्छी तरह जानता हूं। वे कभी भी उस स्तर तक नहीं झुकेंगे।
भारत-रूस संबंधों की ‘विशेष’ पहचान
पुतिन ने याद दिलाया कि लगभग 15 साल पहले भारत-रूस ने “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि यह संबंध आज भी सबसे सही परिभाषा है। प्रधानमंत्री मोदी हमेशा अपने देश को प्राथमिकता देते हैं। यही उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।
ट्रंप के आरोपों के बीच बयान
पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत और चीन को यूक्रेन युद्ध का “प्रमुख फंडर” बताया था। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि दोनों देश रूसी तेल खरीदकर युद्ध को वित्तीय सहारा दे रहे हैं।
दिसंबर में पुतिन का भारत दौरा
इस बीच कूटनीतिक तैयारियों के संकेत भी मिल रहे हैं। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जल्द ही भारत का दौरा करेंगे ताकि राष्ट्रपति पुतिन के प्रस्तावित दिसंबर यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके। उम्मीद है कि इस दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा और रणनीतिक साझेदारी पर अहम चर्चा होगी।

