जशपुर। प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट आफ इंडिया (पीएलएफआइ) द्वारा पूर्व उप सरपंच सल्लू राजवाड़े को धमकी दी गई है, जो पर्चा मिला है, उसमें उन पर माओवादी गतिविधियों में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।
पर्चा बुधवार सुबह उनके घर के प्रवेश द्वार पर चिपका हुआ मिला। पर्चा मिलने से सल्लू राजवाड़े और उनका परिवार डरे हुए हैं। उन्होंने तुरंत बगीचा पुलिस को घटना की सूचना दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पर्चे को जब्त कर लिया। एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि जिले में नक्सली गतिविधियों की कोई सूचना नहीं है और यह पर्चा रंजिशवश भी लिखा जा सकता है।
मामले की सभी पहलुओं से जांच की जा रही है। घटना की जानकारी मिलने पर जनजातीय सुरक्षा मंच के संरक्षक पूर्व मंत्री गणेश राम भगत भी अपने समर्थकों के साथ सुलेसा पहुंचे और उन्होंने सल्लू राजवाड़े व उनके परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी।
जशपुर, सरगुजा और झारखंड में सक्रिय था संगठन
पीएलएफआइ या पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट आफ इंडिया को दिनेश गोप ने झारखंड लिब्रेशन टाइगर के नाम से 2003 में झारखंड के खूंटी जिले में स्थापित किया था। 2007 में इसका नाम बदल कर पीएलएफआइ कर दिया गया था।
मंगल नगेसिया इस संगठन का सबसे कुख्यात नक्सली रहा है। हालांकि बाद में मंगल ने पीएलएफआइ से अलग होकर जनहित क्रांति के नाम से अलग संगठन बना लिया था।
2014 में दोनों संगठनों के बीच हुई मुठभेड़ में मंगल नगेसिया मारा गया था। मंगल नगेसिया के बाद पीएलएफआइ की कमान बुधेश्वर भगत के हाथ में आ गई थी, जो झारखंड पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
इन दोनों कमांडरों के मारे जाने के बाद पीएलएफआइ का अस्तित्व समाप्त हो गया था। छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड में भी इसकी गतिविधियों ना के बराबर रह गई थीं।


