रायगढ़। चिटफंड के गोरखधंधे में अपनी गाढी कमाये डूबो चुके निवेशकों के रूपये वापस दिलाये जाने को लेकर प्रदेश शासन के मंशानुरूप द्वारा पुलिस अधीक्षक रायगढ़ श्री अभिषेक मीना लंबित चिटफंड मामलों को लेकर काफी गंभीर है, वे लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर फरार आरोपियों की शीघ्र पतासाजी, गिरफ्तारी के निर्देश एडिशनल एसपी लखन पटले एवं सीएसपी योगेश कुमार पटेल को अपने सुपरविजन पर कराने दिया गया है । निर्देशों के पालन में कोतवाली पुलिस द्वारा लगातार चिटफंड कम्पनियों के डायरेक्टर्स की गिरफ्तारी कर न्यायालय पेश किये जा रहे हैं ।
इसी क्रम में कोतवाली थाने में दर्ज अप.क्र. 591/2019 धारा 420, 34 IPC 6, 10 छ.ग. के निक्षेपकों के हितो का संरक्षण अधिनियम में आरोपित कम्पनी निर्मल इन्फ्राहोम कारपोरेशन लिमिटेड (NICL) के डायरेक्टर्स के सीबीआई जेल भुवनेश्वर (ओड़िशा) में निरूध होने की जानकारी पर पुलिस टीम आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये भुवनेश्वर रवाना हुई।
आरोपियों की गिरफ्तारी में आ रही कानूनी अड़चनों पर थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष नागर द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन पर सीजेएम कोर्ट रायगढ़ से आरोपियों का प्रोडक्शन वारंट जारी कराया गया और पुलिस टीम के साथ आरोपी NICL कम्पनी के 6 डायरेक्टर आशीष चौहान, हरीश शर्मा, अभिषेक चौहान, प्रबल प्रताप सिंह, लखन सोनी, निरंजन सक्सेना को रायगढ़ लाया।
चिटफंड कम्पनी NICL पर रायगढ़ के ग्राम रायकेरा घरघोड़ा की रहने वाली धनमोती सिदार सहित 17 व्यक्तियों द्वारा दिनांक 06.08.2019 को आवेदन देकर रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि आरोपियों द्वारा इन्हें बैंक में कम ब्याज मिलता है, इनकी कम्पनी में निवेश करने पर 6 साल में रकम दुगना होगा कहकर झांसा देकर रूपये निवेश कराये थे । कम्पनी रायगढ़ के 17 व्यक्तियों के करीब 1,74,78,200 रूपये लगभग निवेश कराकर कम्पनी की शाखाएं बंद कर फरार थी ।
आरोपियों ने कोतवाली पुलिस को दिये अपने मेमोरेंडम पर बताये कि सभी निर्मल इंफ्राहोम कार्पोरेशन लिमिटेड (एनआईसीएल) इंडिया लिमिटेड के डायेक्टर और शेयर होल्डर हैं । उक्त कंपनी में 8 डायरेक्ट/ शेयर होल्डर थे जिनमें एक डायरेक्ट/शेयर होल्डर निर्मला देवा चौहान की मृत्यु 2015 में हुई है तथा कम्पनी का एक डायरेक्ट/शेयर होल्डर फूल सिंह चैधरी भुवनेश्वर जेल से पैरोल पर रिहा होने के बाद से फरार हो गया है। आरोपियों ने बताया कि इनका ऑफिस छ.ग. सहित कई राजरों के शहरों में था तथा रायगढ़ में गौरीशंकर मंदिर के पास आफिस था यहां पर कई लोगों को कंपनी के लुभावने स्कीम एवं ज्यादा ब्याज दर तथा ज्यादा रकम वापसी का लालच देकर निवेशकों से राशि जमा कराया गया। आरोपियों द्वारा करीब 400 करोड़ रूपये निवेशकों से निवेश कराना बताया गया है।
इन समस्त राशि का उपयोग इन्होंने जमीन खरीदने एवं रीयल स्टेट व्यवसाय में लगा दिये । कम्पनी द्वारा खरीदी किये गये भूमि एवं अन्य प्रापर्टी के समस्त दस्तावेज एवं उपकरण सीबीआई भुवनेश्वर उड़ीसा द्वारा जप्त किया गया है । कोतवाली पुलिस द्वारा कम्पनी द्वारा क्रय किये गये प्रापर्टी की जानकारी प्रशासन को उपलब्ध कराया जावेगा जिससे शासन स्तर पर निवेशकों के रूपये लौटाये जाने की कार्यवाही में शुमार किया जावेगा ।