5 साल बाद भारत-चीन के बीच शुरू होगी डायरेक्ट फ्लाइट, कोलकाता एयरपोर्ट से पहली उड़ान भरेगा प्लेन

गलवान झड़प के बाद भारत और चीन के बीच ठंडे पड़े रिश्तों में फिर गर्माहट आ रही है. दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें आज से फिर शुरू हो रही हैं. 26 अक्टूबर की रात 10 बजे कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इंडिगो की फ्लाइट 6E1703 ग्वांगझोउ के लिए टेकऑफ करेगी. वहीं, 9 नवंबर से दिल्ली-ग्वांगझोउ रूट भी शुरू किया जाएगा. यह कदम पांच साल बाद दोनों देशों के बीच एयर कनेक्टिविटी की औपचारिक वापसी है.

जानकारी के अनुसार 31 अगस्त को त्येनजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की बहाली पर विचार चल रहा है. इसके बाद भारत ने यह कूटनीतिक कदम उठाया.

डायरेक्ट फ्लाइट से किन लोगों को होगा फायदा?

भारत-चीन फ्लाइट के शुरू होने से यात्रियों, व्यापारियों और छात्रों को राहत मिलेगी. बिजनेस डेलीगेशन्स को सीधा रूट मिलेगा. चीन जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स का समय और पैसा दोनों बचेगा. इसके अलावा मेडिकल और धार्मिक यात्राओं (कैलाश मानसरोवर) में सहूलियत होगी. इस वजह से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में तेजी की उम्मीद पैदा हो गई है. एविएशन सेक्टर का अनुमान है कि सकारात्मक रिस्पॉन्स मिलने पर आने वाले महीनों में मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई से भी चीन के विभिन्न शहरों के लिए उड़ानें शुरू हो सकती हैं.

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