राजनांदगांव। वैश्विक घटनाक्रमों के तेजी से बदल रहे होने के दौैर में खाद्य तेलों की महंगाई सुरसा के मुंह के समान बढ़ती ही जा रही है। इसका बुरा असर लोगों की रसोई पर तो पड़ ही रहा है, अब मंदिरों-देवालयों पर भी पड़ने लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बाजार में सोयाबीन तेल जो विगत माह 2200रू. प्रति टीन (15 लीटर भर्ती) था व 2650 रूपये तक जा पहुंचा है। इसी प्रकार सूरजमुखी तेल के दाम भी बढ़ते-बढ़ते 2700 रू. आसपास के स्तर को छू गया है। खाद्य तेलों की महंगाई का असर आगामी वासंती याने कि चैत्र नौरात्रि पर भी पड़ने वाला है। एक बात है कि महंगाई जितनी भी बढ़े, लेकिन इससे लोगों की श्रद्धा-भक्ति कम नहीं होगी। फर्क पड़ेगा तो जेबंे पहले से ज्यादा हल्की होने के रूप में। बता दें कि मनोकामना ज्योति कलशों के लिए श्रद्धालुओं को अब पहले से अधिक शुल्क देने होंगे। मंदिर समितियां शुल्क वृद्धि का का कारण खाद्य तेल के भावों में हुई वृद्धि को ही बता रहीं हैं। मां पाताल भैरवी दश महाविद्या द्वादश ज्योतिर्लिंंग (बाबा बर्फानी धाम) के अध्यक्ष राजेश मारू ने बताया कि खाद्य तेल की महंगाई बढ़ने के फलस्वरूप मनोकामना ज्योति कलश का शुल्क 1100 रू. किया गया है। इस बार 2 अपै्रल से पूरे 9 रोज तक के लिए चैत्र नौरात्रि पर्व शुरू हो रहा है। किराना व्यवसायी पुलेश्वर साहू ने बताया कि सोयाबीन तेल 2650 रू. और सूरजमुखी तेल 2700 रू. के उच्चतम और अप्रत्याशित भाव तक पहुंच गया है।