मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार भूकंप और भूकंप जनित आपदाओं से बचाव की तैयारियों को परखने के लिए शनिवार को राज्य के सभी 13 जनपदों में 80 से भी ज्यादा स्थानों पर राज्य स्तरीय माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया. उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) द्वारा पहली बार इतने बड़े स्तर पर माॅक ड्रिल आयोजित की गई. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से माॅक ड्रिल की निगरानी की गई.

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने एसईओसी पहुंचकर माॅक ड्रिल का निरीक्षण किया. उन्होंने जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कर राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति, टीमों की तैनाती, क्षति और विभागीय समन्वय की वास्तविक तैयारियों की जानकारी ली. उन्होंने ग्राउंड जीरो पर मौजूद इंसीडेंट कमाण्डरों और राहत एवं बचाव कार्य में जुटे कर्मियों से भी बात की. उन्होंने सभी जनपदों से पूछा कि राज्य स्तर पर उन्हें किस प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है.
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि माॅक ड्रिल का विस्तृत डाक्यूमेंटेशन तैयार किया जाए और जहां कमी या सुधार की आवश्यकता महसूस हुई है, उन्हें जिला स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए. रेस्क्यू एवं रिलीफ टीमों के रिस्पांस टाइम को और बेहतर किए जाने की जरूरत है. उन्होंने आश्वस्त किया कि शासन की ओर से इन सुधारात्मक गतिविधियों के लिए आवश्यक संसाधन, तकनीकी सहायता और सभी तरह का सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा.
उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग विनय कुमार रुहेला ने कहा कि ड्रिल के दौरान जिन बिंदुओं पर सुधार की आवश्यकता सामने आई है, उन्हें विभागीय स्तर पर शीघ्रता से दूर किया जाए. फील्ड में तैनात सभी टीमें अपने-अपने दायित्वों के अनुरूप तत्परता बढ़ाएं. जिला प्रशासन, यूएसडीएमए और सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय को और मजबूत बनाना होगा. सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने निर्देश दिए कि मॉक ड्रिल में जो भी कमियां सामने आई हैं, उन्हें बिना किसी देरी के दूर किया जाए. आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता में कमी न रहे और जिन उपकरणों का उपयोग फील्ड में किया जाना है, उनके संचालन का पूर्ण प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिया जाए.

