राजनांदगांव। भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक -73 खैरागढ़ उप निर्वाचन की घोषणा के बाद शत-प्रतिशत मतदान के लिए प्रशासन तैयारी में जुटी हुई है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक नागरिकों का महत्वपूर्ण स्थान है। इसके लिए लगातार मतदान जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हंै। इसके तहत प्रत्येक वर्ग के नागरिकों को ध्यान में रखते हुए उनके मतदान के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों जैसे मतदाताओं को निर्वाचन प्रक्रिया में उनकी व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए हर तरह से सुविधा दी जाएगी। दिव्यांगता के कारण मतदान केन्द्रों तक आने में अक्षम नागरिकों तथा अनिवार्य सेवाओं अर्थात रेलवे, राज्य परिवहन तथा उड्डयन आदि की प्रदायगी में विभिन्न पदों पर अपने कर्तव्य निर्वहन के कारण छूट जाने वाले नागरिकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डाक मतपत्र की सुविधा दी गई है।
मतदाताओं की इन दो श्रेणियां 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक और निर्वाचक नामावली में चिन्हित दिव्यांग निर्वाचकों के पास अब यह विकल्प होगा कि वे मतदान वाले दिन अनुपस्थित मतदाता अथवा नियमित मतदाता के रूप में मतदान कर सकते हैं। यदि इन श्रेणियों से संबंध रखने वाला कोई निर्वाचक पहले मतदान करना चाहता है तो निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के संशोधित नियम 27ग के अनुसार वह नए फॉर्म-डी में आवेदन देगा, जो रिटर्निंग अधिकारी के पास निर्वाचन की अधिसूचना की तारीख के उपरांत पांच दिनों के अंदर पहुंच जाएगा। ऐसे आवेदन की प्राप्ति के बाद निर्वाचक को एक डाक मतपत्र जारी किया जाएगा। जिसे मत रिकॉर्ड करने के पश्चात विनिर्दिष्ट केन्द्र में जमा किया जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना की प्राप्ति के पश्चात विस्तृत दिशा-निर्देशों और एसओपी पर काम करना प्रारंभ कर दिया है, जिससे मतदाताओं की इन चिन्हित श्रेणियों हेतु डाक मतपत्र की प्रक्रिया को तत्काल सुगम बनाया जा सके। इन दिशा-निर्देशों में ऐसे मतदाताओं की पहचान करना, जनसंपर्क का तरीका और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में विनिर्दिष्ट केंद्रों में मतदान और संग्रहण के तरीके शामिल होंगे। आयोग अपनी स्वीप पहल के अंतर्गत निजी संपर्क सहित अनेक कदम उठा रहा है ताकि निर्वाचक इस नई सुविधा से अवगत हो सकें और ऐसे निर्वाचक अपनी मंशानुसार अपने मत देने के अधिकार का प्रयोग कर सकें। निर्वाचन आयोग इस बात के लिए कटिबद्ध है कि निर्वाचकों की ऐसी सभी श्रेणियों के लिए मतदान को आसान बनाना सुनिश्चित किया जा सके। इस नई पहल के साथ 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग निर्वाचकों के पास अपने घर से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का विकल्प हैं। ऐसे मतदाताओं के पास विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में अपने निर्वाचकीय अधिकार का प्रयोग करने के लिए विधिवत प्रक्रिया का अनुसरण करके डाक मतपत्र द्वारा मतदान करने या मतदान वाले दिन मतदान केंद्र जाकर मतदान करने दोनों के विकल्प हैं।