Bastar pandum 2026: 5 जनवरी से शुरू होगा ‘बस्तर पंडुम’, 12 विधाओं में होगी प्रतियोगिताएं

रायपुर। प्रदेश की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले ‘बस्तर पंडुम 2026’ का आयोजन पांच जनवरी से पांच फरवरी तक किया जाएगा। आयोजन की व्यवस्थाओं और विभागीय समन्वय को लेकर रविवार को उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के राजधानी स्थित निवास पर बैठक हुई। विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप और संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल की मौजूदगी में अधिकारियाें के साथ चर्चा हुई।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि बस्तर पंडुम केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि बस्तर की जनजातीय विरासत, कला और परंपराओं को संरक्षित करने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने का अवसर है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में सभी विभाग मिलकर आयोजन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करेंगे।

उन्होंने निर्देश दिए कि आयोजन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किया जाए और सभी राज्यों के कलाकारों को जनजातीय कला प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया जाए। साथ ही बस्तर के समस्त समाज प्रमुख, सिरहा, मांझी, चालकी को भी आमंत्रित करने को कहा। वन मंत्री कश्यप ने इस अवसर को युवाओं के लिए अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा दिखाने का महत्वपूर्ण मंच बताया, जबकि संस्कृति मंत्री अग्रवाल ने समयबद्ध तैयारियों पर जोर दिया।

तीन चरण में प्रतियोगिताएं

  • पहला चरण – जनपद स्तर (5-15 जनवरी)
  • दूसरा चरण – जिला स्तर (20-25 जनवरी)
  • तीसरा चरण – संभाग स्तर (1-5 फरवरी)

12 विधाओं में होगी प्रतियोगिताएं

‘बस्तर पंडुम’ में 12 प्रमुख विधाओं में बस्तर के पारंपरिक नृत्य-गीत, रीति-रिवाज, जनजातीय नृत्य, वाद्ययंत्र, शिल्प, पारंपरिक व्यंजन, जनजातीय गीत, वेशभूषा, चित्रकला, आंचलिक साहित्य, जनजातीय नाट्य, जनजातीय आभूषण, पेय पदार्थ व वन-औषधी के प्रदर्शन पर आधारित प्रतियोगिताएं होंगी।

ये प्रतियोगिताएं क्रमशः जनपद, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित की जाएंगी।प्रत्येक चरण के विजेताओं को पुरस्कार राशि और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। बस्तर पंडुम में संभाग के सातों जिलों बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर और कांकेर के प्रतिभागी शामिल होंगे।

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