
राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। एमएमसी जोन में सक्रिय बड़े माओवादी और सीसी सदस्य रामधेर ने आखिरकार हथियार (Top Maoist Surrenders) डाल दिए। रामधेर के समर्पण के बाद सुरक्षा एजेंसियां अब एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन को माओवादी मुक्त मान रही हैं। राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ में उन्होंने अपने 11 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया।
सोमवार तड़के ये सभी माओवादी खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के बकरकट्टा थाने पहुंचे। वे पिछले कुछ दिनों से राजनांदगांव पुलिस संपर्क में थे। बालाघाट में भोरमदेव कमेटी के 10 माओवादियों के रविवार को हुए समर्पण के ठीक अगले दिन सीसीएम रामधेर ने भी आत्मसमर्पण कर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी राजनांदगांव पहुंचे।
रामधेर पर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कुल मिलाकर एक करोड़ से अधिक का इनाम घोषित था। सरेंडर के दौरान तीन एके-47, तीन इंसास सहित 10 हथियार, वॉकी-टॉकी और विस्फोटक सुरक्षा बलों को सौंपे गए। दो सदस्यों के पास कोई हथियार नहीं थे। रामधेर लंबे समय से एमएमसी जोन के उत्तरी क्षेत्र में छिपा हुआ था।
26 नवंबर को गोंदिया में आत्मसमर्पण करने वाले जोन के प्रवक्ता और एसजेडएमसी सदस्य विकास नागपुरे उर्फ अनंत ने कहा था कि वह रामधेर से संपर्क में नहीं है, लेकिन संभव है कि उसे सरेंडर के लिए समय चाहिए।
सुबह सुरक्षा कड़ी की गई और सभी समर्पित माओवादियों को राजनांदगांव लाया गया। आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में डीजीपी अरुण देव गौतम, एडीजी नक्सल ऑपरेशन, आईजी अभिषेक शांडिल्य और एसपी अंकिता शर्मा के सामने समर्पण की प्रक्रिया पूरी की गई। सभी माओवादियों को संविधान की प्रति भी भेंट की गई।

