India Census-2027: भारत में डिजिटल जनगणना होगी, मोदी सरकार ने जनगणना सिस्टम में बड़ा बदलाव किया, जानें क्या-क्या बदला और कैसे भरेंगे फॉर्म?

Nityanand Rai On India Census-2027: केंद्र की मोदी सरकार ने भारत की जनगणना सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। केंद्र सरकार ने 2027 में डिजिटल जनगणना कराने की घोषणा की है। लोकसभा में 9 दिसंबर को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2027 की राष्ट्रीय जनगणना को डिजिटल तरीके से करने का फैसला लिया है। यह भारत के इतिहास में पहली बार होगा जब जनगणना पारंपरिक कागज़ी फॉर्म की बजाय मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाएगी। इसका मतलब कि जनगणना प्रक्रिया मोबाइल ऐप, वेब पोर्टल और एक समर्पित डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए संचालित होगी, जिससे डेटा कलेक्शन तेज, सटीक और पारदर्शी होगा।

सांसद सनातन पांडे के प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए केद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जनगणना के लिए एक विशेष डिजिटल पोर्टल तैयार किया जा रहा है। इसके जरिए पूरे देश में प्रक्रियाओं की मॉनिटरिंग और मैनेजमेंट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोग अपनी जानकारी खुद ऑनलाइन भर सकेंगे, जबकि फील्ड अधिकारी मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए डेटा कलेक्ट करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि जनगणना की निर्धारित पद्धति के मुताबिक, हर शख्स की जानकारी उस स्थान पर दर्ज की जाती है, जहां वह गणना अवधि के दौरान मौजूद पाया जाता है। यह सिस्टम 2027 में भी जारी रहेगी। साथ ही प्रवासन से जुड़ी जानकारी, जैसे व्यक्ति का जन्मस्थान, अंतिम निवास, वर्तमान स्थान पर रहने की अवधि और प्रवासन का कारण भी डिजिटल रूप से दर्ज की जाएगी।

डिजिटल जनगणना से डेटा प्रोसेसिंग तेज होगी

डिजिटल जनगणना को लेकर सरकार का मानना है कि इससे डेटा प्रोसेसिंग तेज होगी, त्रुटियों की संभावना कम होगी और अंतिम रिपोर्ट पहले की तुलना में अधिक विश्वसनीय और समयबद्ध रूप से उपलब्ध हो सकेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, डिजिटल माध्यम से जनगणना भविष्य की नीति निर्माण, शहरी योजना, प्रवासन रुझानों और समाज-आर्थिक सर्वेक्षणों को बेहतर समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

प्रश्नावली को केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा

मंत्री ने यह भी कहा कि जनगणना शुरू होने से पहले प्रश्नावली को केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा। यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करने और सभी राज्यों व एजेंसियों को समय रहते तैयारी का अवसर देने के लिए अनिवार्य होती है।

2011 में हुई थी आखिरी जनगणना

बता दें कि भारत में हर 10 वर्ष के अंतरला पर जनगणना करने का नियम है। भारत की पिछली जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। वहीं वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी। ऐसे में केंद्र सरकार वर्ष 2027 में जनगणना करवाएगी। अब सरकार ने इस जमगणनना को पूरी तरह डिजिटल जनगणना करवाने का ऐलान किया है।

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