CG विधानसभा सत्र: रोजगार को लेकर तीखी बहस, बेरोजगारी भत्ता योजना पर उठे सवाल

रायपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को युवाओं के रोजगार पंजीयन और बेरोजगारी भत्ता के मामले में विपक्ष ने हंगामा मचाया। बस्तर के विधायक बघेल लखेश्वर ने पूछा कि बेरोजगारों का पंजीयन कितना हुआ है और उनके लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं। इस पर तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने बताया कि एक अप्रैल 2024 तक प्रदेश में पंजीकृत रोजगार इच्छुकों की संख्या 11 लाख 39 हजार 656 है।

उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार मेले और प्लेसमेंट कैंप आयोजित किए गए हैं। बीते दो वर्षों में रोजगार मेलों के माध्यम से 5,314 और प्लेसमेंट कैंपों से 4,149 युवाओं का चयन हुआ है। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि बेरोजगारी भत्ता योजना बंद नहीं है, इसके बाद भी सरकार बेरोजगार युवाओं को इसका लाभ नहीं दे रही है।

मंत्री गुरू खुशवंत साहेब ने कहा कि हम युवाओं का कौशल विकास कर रहे हैं। वे रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बने, इस दिशा में सरकार काम कर रही है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

मंत्री खुशवंत और पूर्व मंत्री उमेश पटेल के बीच बहस

मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने बताया कि पिछली सरकार के दौरान युवा पंजीयन के लिए रोजगार कार्यालय में चक्कर लगाते थे। हमने ऑनलाइन व्यवस्था की। इस पर पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री और खरसिया के कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने आपत्ति दर्ज की और कहा कि उनकी सरकार में ही ऑनलाइन व्यवस्था हो गई थी। पूर्व और वर्तमान तकनीकी शिक्षा मंत्री के बीच बहस हुई।

मंत्री खुशवंत ने आगे बताया कि सरकार का लक्ष्य एक वर्ष में 14 हजार बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है, पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा था, जिसे वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है।

भूपेश बोले- बेरोजगारों को धोखा दिया

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यदि बेरोजगारी भत्ता देने की योजना बंद नहीं की गई है, तो सरकार युवाओं को भत्ता क्यों नहीं दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि घोषणा पत्र और बजट दोनों में बेरोजगारी भत्ता देने का उल्लेख है, लेकिन धरातल पर इसे लागू नहीं किया जा रहा है।

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