सिर्फ रण उत्सव ही नहीं, कच्छ के ये 5 ‘ऑफबीट’ डेस्टिनेशन भी हैं बेहद खास; एक बार जरूर करें एक्सप्लोर

ट्रेवल डेस्टिनेशन। रण उत्सव की रंगीनियों, सफेद नमक का रेगिस्तान और चांदनी रातों का जादू लिए कच्छ का त्योहार दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। लेकिन अगर आपका प्लान सिर्फ फेस्टिवल ग्राउंड तक ही सीमित रह जाता है, तो समझ लीजिए कि आप काफी कुछ मिस कर रहे हैं।

यह भूमि सदियों के इतिहास, संस्कृति, वन्यजीव और मनमोहक नजारों से भरी पड़ी है। तो अगर आप  रण फेस्टिवल देखने जा रहे हैं, तो इन 5 ऑफबीट डेस्टिनेशन की सैर जरूर करें। ये आपके अनुभव को और भी खास बना देंगे।

कालो डूंगर

भुज से लगभग 97 किमी दूर स्थित ‘कालो डूंगर’ यानी ‘काली पहाड़ी’ कच्छ का सबसे ऊंचा स्थान है। यहां से रण के विशाल सफेद रेगिस्तान का मनोरम नजारा दिखाई देता है। दिन में दूर तक फैले क्षितिज का नजारा काफी खूबसूरत होता है। यहां प्राचीन दत्तात्रेय मंदिर इस स्थान को आध्यात्मिक शांति भी देता है। सूर्योदय या सूर्यास्त के समय नमक का मरुस्थल सुनहरे-गुलाबी रंग में नहाया होता है, एक ऐसा नजारा जो फेस्टिवल की भीड़ से कोसों दूर शांति का अनुभव देता है।

  • बेस्ट टाइम- सुबह या शाम का समय।

Kalo dungar

(Picture Courtesy: Instagram)

मांडवी बीच

लगभग 60 किमी दूर स्थित मांडवी, रण के सफेद नमक और रेतीले टीलों के बाद एक रोमांचक बदलाव लेकर आती है। सुनहरी रेत, अरब सागर की लहरें, विंड मिल और नाव की सैर यहां के आकर्षण हैं। इसके साथ ही लाल बलुआ पत्थर से बना विजया विलास पैलेस, अपने हरे-भरे बगीचों और आर्किटेक्चर के साथ राजसी ठाठ बिखेरता है। यहां का सूर्यास्त देखना एक यादगार अनुभव होगा।

  • बेस्ट टाइम- सूर्यास्त देखने के लिए देर दोपहर या शाम।
Mandvi
(Picture Courtesy: Instagram)

भुजोडी

भुज से महज 8 किमी दूर स्थित भुजोडी गांव कच्छ की शिल्प परंपरा का जीता-जागता म्यूजियम है। अजरख प्रिंट, हस्तनिर्मित शॉल, कपड़े, कढ़ाई और मिट्टी के बर्तनों के लिए मशहूर इस गांव की गलियों में घूमना सदियों पुरणी कला को करीब से देखने जैसा है। यहां के कारीगरों को काम करते देखना और सीधे उनसे हस्तशिल्प खरीदना एक खास अनुभव है। यह फेस्टिवल के बाजार से अलग एक्सपीरिएंस लेने का मौका देता है।

  • बेस्ट टाइम- दिन में।

धोलावीरा

कच्छ का धोलावीरा सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे अहम स्थानों में से एक है। करीब 4000 साल पुराने इस नगर में जल प्रबंधन की खास व्यवस्था और शहरी योजना के नमूने देखे जा सकते हैं। रण की खामोशी के बीच इस प्राचीन नगर के अवशेषों में घूमना एक अलग ही तरह का रोमांच पैदा करता है। यह इतिहास, रहस्य और विरासत का अनोखा मेल है।

  • बेस्ट टाइम- सुबह से दोपहर तक।
Dholavira
(Gujarat Tourism)

इंडियन वाइल्ड एस सेंचुरी

ग्रेट रण से सटे लिटिल रण में स्थित यह वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एंडेनजर्ड भारतीय गधे (खुर) का घर है। यहां की यात्रा रेगिस्तानी जंगल और अनोखे वन्यजीवों की दुनिया में ले जाती है। सफारी के दौरान न सिर्फ खुर, बल्कि मृग, चिंकारा और अलग-अलग पक्षियों को देखा जा सकता है। यह कच्छ का वह नजारा दिखाता है, जो अक्सर पर्यटकों की नजर से दूर रह जाता है।

  • बेस्ट टाइम- सुबह-सवेरे सफारी के लिए।
Indian Wild ass sanctuary
(Picture Courtesy: Instagram)

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