रायपुर. मार्च 24 और मार्च 25 के स्टेट बजट में घोषित 9 जिलों में सायबर थाने (Cyber Police Station) खोलने की अधिसूचना नवंबर में जारी कर दी गई है. पीएचक्यू ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. उम्मीद है कि जनवरी में ये थाने शुरू कर दिए जाएंगे. वर्तमान में राज्य में पांच रेंज स्तरीय सायबर थाने काम कर रहे हैं. माना जा रहा है कि जिलों में सायबर थाने खुलने से रेंज थानों पर भी केस का दबाव कम होगा. चूंकि रेंज सायबर थाने सीमित साधनों के साथ संचालित हो रहे हैं, ऐसे में जिलों के सायबर थानों को पर्याप्त विवेचक, स्टाफ और तकनीकी सुविधाओं के साथ खोले जाने की जरूरत है.
रायपुर रेंज में हो जाएंगे चार सायबर थाने
पहले बजट मार्च 2024 में पांच जिलों और दूसरे बजट मार्च 2025 में 4 जिलों में सायबर थाने मंजूर किए गए थे. सभी 9 थानों को खोलने की अधिसूचना नवंबर में जारी की गई है. ये सायबर थाने बलौदाबाजार, धमतरी, महासमुंद, कोरबा, रायगढ़, राजनांदगांव, कबीरधाम, जांजगीर चाम्पा और जशपुर में खोले जाने हैं. रायपुर रेंज में जल्द ही चार सायबर थाने हो जाएंगे. वर्तमान में रेंज स्तरीय थाना रायपुर में है. जबकि बलौदाबाजार, धमतरी महासमुंद में जिला सायबर थाने खोले जाने हैं. वर्तमान में पांचों संभागों रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर में रेंज सायबर थाने काम कर रहे हैं. अभी रेंज सायबर थानों के लिए भी पद मंजूर नहीं हैं इसलिए पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अपने अधीनस्थ जिलों से डीएसपी, निरीक्षक समेत अन्य स्टाफ की पदस्थापना करके सायबर अपराधों की विवेचना और कार्रवाई करवा रहे हैं. फिर भी नियमित मंजूर स्टाफ नहीं होने से कई तरह की तकनीकी दिक्कतें सामने आ रही हैं.
2026 के बजट में फंड की उम्मीद इसलिए
हाल ही में संपन्न डीजीपी आईजीपी कॉन्फ्रेंस में सायबर क्राइम पर भी खासतौर पर चर्चा हुई थी. PM, यूएचएम समेत 9 से ज्यादा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे. देश भर में सायबर ठगों से निपटने के लिए पुलिस के पास मौजूद संसाधन नाकाफी माने गए. दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में दो साल में बजट में घोषित 9 सायबर थानों का संचालन शुरू नहीं होने से भी किरकिरी हुई है. यही वजह है कि कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद अधिसूचना जारी की गई. मार्च 2026 के स्टेट बजट में सायबर थानों के लिए पृथक से फंड मिलने की उम्मीद भी अधिसूचना जारी करने की एक वजह है.
राज्य में 39 हजार सिम और सेलफोन ब्लॉक, 1116 गिरफ्तार
तारांकित प्रश्न पर विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य में 2782 पुलिस अधिकारी, कर्मचारी व जिला लोक अभियोजन अधिकारियों को सायबर, महिला व बाल अपराधों की विवेचना पर कार्रवाई हेतु प्रशिक्षण दिया गया है. अब तक फर्जी सिम विक्रेताओं पर 103 प्रकरणों में 159 लोगों एवं म्यूल एकाउंट पर 253 प्रकरणों में 863 लोगों कुल 1116 पर कार्रवाई की गई है. सायबर फ्रॉड में शामिल 28946 मोबाइल नंबर व 10409 आईएमईआई नंबर को अवरुद्ध कराया गया है. सायबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1030 के माध्यम से 82.5 करोड़ रुपए सायबर अपराधियों के हाथों में पहुंचने से पहले होल्ड कराए गए हैं.

