नई दिल्ली: सीएसके टीम आईपीएल की सबसे सफल टीमों में से एक है. महेंद्र सिंह धोनी की करिश्माई कप्तानी में टीम ने चार बार आईपीएल का खिताब जीता है. इस बार टीम की कमान रवींद्र जडेजा के हाथों में है. सीएसके टीम में कई मैच विनर्स प्लेयर्स शामिल हैं, जो चंद गेंदों में ही मैच का रुख बदल देते हैं. चेन्नई टीम में तीन खिलाड़ी ऐसे हैं, जो उन्हें पांचवां खिताब दिला सकते हैं. आइए जानते हैं, इन प्लेयर्स के बारे में.
1. ऋतुराज गायकवाड़
ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) बहुत ही खतरनाक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. ऋतुराज ने ओपनिंग करते हुए सीएसके को अपने दम कई मैच जिताए हैं. उनके तरकश में हर वो तीर मौजूद है, जो विरोधी टीम को धस्वत कर सके. पिछले दो आईपीएल सीजन में ऋतुराज गायकवाड़ ने अपना नाम पूरी दुनिया में कमा लिया है. उनके बल्ले की गूंज से विरोधी खेमे के गेंदबाज कांपते हैं. ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) ने आईपीएल 2021 में अपने खेल से सभी का दिल जीत लिया था. उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए धांसू बैटिंग करते हुए 14 मैचों में 636 जड़े, जिसमें एक आतिशी शतक शामिल था. वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे.
2. रवींद्र जडेजा
महेंद्र सिंह धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को कप्तान बनाया गया है. इस बार उनके ऊपर अहम जिम्मेदारी होगी. रवींद्र जडेजा सीएसके टीम के लिए उस त्रिशूल की तरह हैं, जो बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फिल्डिंग में बिल्कुल ही फिट बैठते हैं. उनके स्पिन से जादू से विरोधी टीमें अच्छी तरह से वाकिफ हैं और वह काफी किफायती गेंदबाजी करते हैं. उनकी गेंदों पर रन बनाना इतना आसान नहीं है. वह अपने चार ओवर बहुत ही जल्दी खत्म कर लेते हैं. डेथ ओवर्स में वह धाकड़ बल्लेबाजी भी करते हैं. इस नजारा हम पिछले आईपीएल सीजन में देख चुके हैं. जब उन्होंने हर्षल पटेल के एक ओवर में 37 रन कूट दिए. मैदान पर उनकी चपलता देखते ही बनती है.
3. दीपक चाहर
चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल 2022 का खिताब जीता था. इसमें सबसे अहम योगदान दीपक चाहर (Deepak Chahar) का रहा था. चाहर ने खतरनाक गेंदबाजी का नमूना पेश किया था. जब भी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को विकेट की आवश्यकता होती थी. वह दीपक चाहर का नंबर घुमा देते थे. भारतीय पिचों पर दीपक चाहर ने खूब कहर बरपाया था. चाहर ने आईपीएल (IPL) के कुल 69 मैचों में 59 विकेट हासिल किए हैं. उनकी धारदार गेंदबाजी को खेलना बल्लेबाजों के लिए ऐसा था, जैसे लोहे के चने चबाना.