Bharat Bandh Bank Strike: आज पूरे भारत के बैंक कर्मचारी बैंक के निजीकरण को लेकर 2 दिनों के लिये हड़ताल पर हैं. गोंडा में भी निजीकरण लेकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को छोड़कर अन्य सभी बैंक के बैंक कर्मचारी अपनी कई मांगों को लेकर निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. दो दिनों तक बैंक में हो रही हड़ताल से बैंक उपभोक्ताओं को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
बैंक से बैरंग वापस लौट रहे उपभोक्ता
बैंक में पैसा निकालने आए बैंक उपभोक्ता बैरंग वापस लौट रहे हैं. जिनके यहां शादी है, परिजनों का इलाज करवाना है, घर बनवाना है, जरूरी सामान खरीदना है इसके लिए उपभोक्ता बैंक में आ रहे हैं, लेकिन बैरंग वापस लौट रहे हैं. वहीं बैंक में हड़ताल कर रहे कर्मचारी लगातार केंद्र सरकार प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. आगामी 2 दिनों तक बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
विरोध बैंक उपभोक्ताओं के हित के लिए- बैंककर्मी
आंदोलित बैंक कर्मियों का कहना है कि हम बैंक के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं, यह विरोध बैंक उपभोक्ताओं के हित के लिए है. अगर बैंक का निजीकरण नहीं होगा तो बैंकों में उपभोक्ताओं का पैसा सुरक्षित रहेगा. हम बैंक के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं वह हमारी सैलरी का मुद्दा नहीं है. हम अपनी देश की जनता के लिए विरोध कर रहे हैं, उनकी गाढ़ी कमाई बैंकों में जमा है. जब वह निजीकरण के हाथों में चली जाएगी तो उन की क्या दशा होगी?
निजीकरण के बाद बैंक उपभोक्ताओं के पैसे नहीं दे रहा
जैसे आपने देखा होगा कि पीएमसी पंजाब महाराष्ट्र कॉपरेटिव बैंक, इसके अलावा यस बैंक में जो दुर्दशा हुई है. बैंक कस्टमर रो रहे थे उनके पैसे को रिजर्व बैंक ने देने से मना कर दिया. निजीकरण हो जाने के बाद बैंक में रखे पैसे को बैंक अब उपभोक्ताओं को नहीं दे रहा, अगर आम लोगों को यह बात समझ नहीं आ रही है, तो बैंक कर्मचारियों की टीम घर-घर जाकर उनको पूरी बात समझाएगी. जिस दिन बैंक कर्मचारी हड़ताल करते हैं उनको पैसा भी नहीं मिलता है. लेकिन बैंक कर्मचारी ही नहीं चाहते हैं कि हमारे उपभोक्ताओं का किसी प्रकार से नुकसान हो.