रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस गुरुवार को दिवसीय यात्रा पर भारत आएंगे। 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत होने के बाद से लावरोव की यह पहली भारत यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक पंक्ति के बयान में कहा गया है कि लावरोव 31 मार्च से एक अप्रैल तक नई दिल्ली के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। लावरोव की इस यात्रा के उद्देश्य को लेकर माना जा रहा है कि यह छूट के साथ रूस से कच्चे तेल की भारत की खरीद पर आधारित होगा। इसके अलावा रूस पर पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को देखते हुए भारत के साथ द्विपक्षीय कारोबार के लिए भुगतान व्यवस्था को रुपये-रूबल में करने पर भी विचार-विमर्श किया जा सकता है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार वार्ता के दौरान भारत की ओर से विभिन्न सैन्य हार्डवेयर और एस-400 मिसाइल प्रणाली के कंपोनेंट की समय से आपूर्ति सुनिश्चित करने पर जोर भी दिया जा सकता है। रूसी विदेश मंत्री लावरोव इस समय चीन की यात्रा पर हैं और उनके गुरुवार की शाम को नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।
अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेता भी होंगे भारत में
सर्गेई लावरोव की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह, ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रूस और जर्मनी के विदेश व सुरक्षा नीति के सलाहकार जेंस प्लॉटनर भी यहां होंगे। ट्रूस 31 मार्च को भारत आएंगी जबकि दलीप सिंह 30-31 मार्च को दिल्ली में रहेंगे। वहीं, प्लॉटनर आज भारत आ रहे हैं।
ब्रिटिश विदेश सचिव लिज ट्रूस इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ वार्ता करेंगी। वहीं, रूसी विदेश मंत्री लावरोव की इस यात्रा से पहले भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीवोप ने पिछले सप्ताह ur भारतीय विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ श्रंखलाबद्ध बैठकें की थीं।