लंबे समय से नहीं हो रही पेट्रोल पंपों में मापतौल विभाग की आकस्मिक जांच
राजनांदगांव (दैनिक पहुना)। डीजल-पेट्रोल की दिनोदिन बढ़ती महंगाई से मोटर-गाड़ियां चलाने वाले लोग वैसे ही हलाकान हैं उस पर से पेट्रोल पंपों में जमकर कांटेमारी होने की शिकायत है। कम्प्यूटराइज पेट्रोल पंपों में ग्राहकों के साथ तौल और कीमतों को लेकर वैसे तो पूरी पारदर्शिता रहती है लेकिन शिकायतों को सच मानें तो इन कम्प्यूटराइज सिस्टम में भी छेड़छाड़ करके डीजल-पेट्रोल बचाने बड़ा खेल किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में करीब सवा सौ पेट्रोल पंप हैं। इनमें से इस जिला मुख्यालय वाले शहर में और आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में ही बड़ी संख्या में पेट्रोल पंप हैं। हम यह नहीं कह रहे कि सारे के सारे पेट्रोल पंपों में कांटेमारी होती है, परंतु ताबड़तोड़ आकस्मिक जांच तो किन्हीं भी पेट्रोल पंपों में की जा सकती है न ? अथवा जिस भी पेट्रोल पंप के बारे में शिकायतें आ रही हों उनमें तो अवश्य जांच की जा सकती है, लेकिन ऐसा भला कहां किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में करीब सवा सौ पेट्रोल पंप हैं। इनमें से इस जिला मुख्यालय वाले शहर में और आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में ही बड़ी संख्या में पेट्रोल पंप हैं। हम यह नहीं कह रहे कि सारे के सारे पेट्रोल पंपों में कांटेमारी होती है, परंतु ताबड़तोड़ आकस्मिक जांच तो किन्हीं भी पेट्रोल पंपों में की जा सकती है न ? अथवा जिस भी पेट्रोल पंप के बारे में शिकायतें आ रही हों उनमें तो अवश्य जांच की जा सकती है, लेकिन ऐसा भला कहां किया जा रहा है।
ऐसे में लोगों की इस शिकायत को बल मिलता है कि नापतौल विभाग को ग्राहकों-उपभोक्ताओं की उक्त तरह की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। उन्हें तो बस अपना उल्लू सीधा करना है। वैसे खबरें ऐसी भी आ रही हैं कि विभाग पेट्रोल पंपों में हर माह वसूली में व्यस्त रहते हैं, लेकिन सही-गलत क्या है यह भी जांच से ही पता चलेगा।
‘‘जांच तो हो रही है। फिर भी व्यक्तिगत तौर से शिकायत आवेदन मिलने पर मैं खाद्य विभाग व नापतौल विभाग की टीम को भेज कर परीक्षण करवा दूंगा।’’
अरूण कुमार वर्मा
एसडीएम