अमेरिका की एक शीर्ष सांसद ने यूक्रेन पर अमेरिका और रूस के बीच शांति कायम करने के प्रयासों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है. साथ ही, उम्मीद जतायी कि उनके प्रयास क्षेत्र में शांति बहाल करने में मददगार होंगे. मोदी ने शुक्रवार को भारत की यात्रा पर आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से कहा था कि भारत, यूक्रेन संकट का हल करने के लिए शांति प्रयासों में किसी भी तरीके से योगदान देने के लिए तैयार है और उन्होंने युद्धरत देश में हिंसा पर तत्काल रोक लगाने का आह्वान किया.
अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य कैरोलिन मैलोनी ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अभी वह (मोदी) यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच शांति कायम करने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे लगता है कि यह बहुत सकारात्मक उद्देश्य है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे (भारत और अमेरिका के) बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं, हमारे मजबूत शांति संबंध हैं और हमारे एक जैसे मजबूत मूल्य (वैल्यू) हैं, मैं कहना चाहूंगी कि हमारी एक जैसी सरकार है.’’
सदन की शक्तिशाली ‘ओवरसाइट कमेटी’ की अध्यक्ष मैलोनी (76) अमेरिकी संसद (कांग्रेस) में सबसे वरिष्ठ डेमोक्रेट सदस्यों में से एक हैं. वह 1993 से अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में निर्वाचित होती रही हैं. मैलोनी कांग्रेस में तथा उसे बाहर भारत और भारतीय अमेरिकियों की मित्र भी हैं. वह दिवाली के त्योहार पर संघीय अवकाश घोषित करने और अमेरकी संसद का प्रतिष्ठित गोल्ड मेडल महात्मा गांधी को देने के दो विधेयकों को पारित कराने की कोशिशें कर रही हैं.
मैलोनी ने विश्वास जताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन उनके दोनों विधेयकों पर आखिरकार हस्ताक्षर कर देंगे. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी शांति के लिए प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘एक बात सच है कि अगर आप कोशिश नहीं करते तो आप कभी कामयाब नहीं होते हैं. आपको प्रयास करते रहने होंगे. दुनिया के लिए मैं उम्मीद करती हूं कि यूक्रेन, रूस और विश्व के बीच शांति के लिए काम करे रहे किसी भी व्यक्ति के प्रयास मददगार होंगे.’’
न्यूयॉर्क से सांसद मैलोनी ने कहा, ‘‘यह बहुत खतरनाक दौर है क्योंकि हम सभी तीसरे विश्वयुद्ध का भार नहीं उठा सकते. हम परमाणु शक्ति संपन्न हैं. हम यह जोखिम नहीं ले सकते. हमें एक समझौता करना होगा और लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है. मुझे राष्ट्रपति बाइडन पर गर्व है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने हमारे सहयोगियों और एशिया को, लोकतंत्र तथा यूक्रेन के लोगों की रक्षा के लिए बहुत तेजी से एकजुट किया.’’