नई दिल्ली: दिल्ली की पुलिस क्राइम ब्रांच ने इंडियन पीपुल्स फ्रंट माले के नक्सली नेता को अरेस्ट किया है जो 26 साल पहले सबकी नजरों में तो मर चुका था. वह दिल्ली के पास फरीदाबाद में वह छिपा हुआ था. उसका नाम किशुन पंडित है. दरअसल, किशुन पंडित नक्सली नेता पर बिहार में पुलिस की हत्या और कई संगीन अपराध में शामिल होने का आरोप है. पुलिस को चकमा देने लिए उसने खुद को मरा घोषित किया और फिर फरीदाबाद में रहने लगा.
आरोपी नक्सली नेता किशुन पंडित ने पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने खुलासा किया वो किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है. जब साल 1996 में नक्सली देविंदर सिंह की अज्ञात लोगों ने बिहार में पुनपुन इलाके में हत्या कर दी थी तो मौके से पुलिस शव अपने साथ ले गई थी. किशुन पंडित ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पुलिस पार्टी पर हमला बोला दिया और शव को उठा लाया. इस हमले में पुलिस के एक जवान की मौत जबकि तीन जवान घायल हो गए थे.
हमलावर जाते-जाते पुलिस की राइफल और 40 जिंदा कारतूस भी अपने साथ लूट कर ले गए थे. घटना के बाद बिहार पुलिस में हड़कंप मच गया था. पुलिस ने 31 आरोपियों को तो अरेस्ट कर लिया था लेकिन नक्सली नेता किशुन पंडित समेत 4 आरोपी फरार हो गए. आरोपी किशुन पंडित ने पुलिस से बचने के लिए एक योजना बनाई. उसने अपने परिवार के साथ मिल कर खुद की मौत की साजिश रची. उसने बिहार में एक रेल दुर्घटना के दौरान खुद को मृत घोषित करा दिया. उसके परिवार ने इस दुर्घटना में मारे गए एक शख्स की लाश को किशुन पंडित का शव बता दिया और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया.