छत्तीसगढ़ में राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था इसी महीने से लागू हो जाएगी। वित्त विभाग ने नवीन पेंशन योजना के तहत की जा रही अंशदान की कटौती बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। कर्मचारियों के मूल वेतन से अब केवल सामान्य भविष्य निधि के लिए ही कटौती होगी।
वित्त विभाग के संयुक्त सचिव अतीश पाण्डेय ने सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, आयुक्तोंं और कलेक्टरों को एक निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सरकार ने एक नवम्बर 2004 से लागू नवीन अंशदायी पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला किया है। ऐसे में एक नवंबर 2004 और उसके बाद भर्ती कर्मचारियों के वेतन से 10% की मासिक कटौती समाप्त किया जाता है। संयुक्त सचिव ने इस आदेश में लिखा है कि ऐसे कर्मचारियों के अप्रैल महीने के वेतन से सामान्य भविष्य निधि नियम के मुताबिक मूल वेतन का 12% सामान्य भविष्य निधि (GPF) की ही कटौती की जाए। सामान्य भविष्य निधि की कटौती का ब्यौरा कोष, लेखा एवं पेंशन संचालनालय में अलग से रखा जाएगा। संबंधित कर्मचारियों का GPF खाता आवंटित हो जाने पर यह राशि उसमें दर्शाई जाएगी। इस मुद्दे पर वित्त विभाग के अफसरों ने पिछले सप्ताह ही बैठक की थी। इसमें राजस्थान सरकार की पुरानी पेंशन योजना पर भी बात हुई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 9 मार्च के अपने बजट भाषण में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की थी। उनका कहना था, कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर निष्चिंत रहेंगे तो वे अधिक मन लगाकर काम कर पाएंगे। पुरानी पेंशन योजना की मांग पुरानी थी। राजस्थान में इसे लागू करने की घोषणा होते ही छत्तीसगढ़ में इसकी मांग उठने लगी थी।