नई दिल्ली: यूक्रेन (Ukraine) के साथ चल रहे युद्ध के बीच रूस (Russia) ने भारत की सैन्य शक्ति में बड़ा इजाफा किया है. भारत को रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम (S-400 Missile Defence System) की दूसरी खेप मिली है. मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पहली खेप दिसंबर 2021 में भारत पहुंची थी. एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की कुल पांच खेप की अक्टूबर 2023 तक डिलीवरी होनी है. इससे पाकिस्तान और चीन के साथ लगने वाली सीमाओं की सुरक्षा की जा सकेगी. भारत को रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी तब हुई है, जब यूक्रेन के साथ युद्ध चल रहा है और भारत के इस युद्ध को लेकर अपनाए गए रुख को लेकर सवाल भी उठाया गया है.
एस-400 को लेकर इस बात की भी अटकलें चल रही थीं कि अमेरिका रूस से हथियार खरीदने पर भारत पर CAATSA के तहत कार्रवाई कर सकता है. हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने कहा कि अमेरिका ने अभी तक एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद के लिए CAATSA कानून के तहत भारत पर बैन लगाने या छूट देने पर कोई निर्णय नहीं लिया है. दूसरी ओर, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह प्रतिबंधों की चिंता किए बगैर अपनी सुरक्षा करेगा. अमेरिका दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत प्रतिबंधों की चिंता किए बिना अपनी सुरक्षा की रक्षा के लिए जो कर सकेगा, वह करेगा.
इससे पहले, दिसंबर 2021 में भारत को रूस से एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की पहली खेप की डिलीवरी हुई थी. इसे पंजाब सेक्टर में तैनात किया गया. इसके जरिए चीन और पाकिस्तान की हर हरकत पर नजर रखी जा सकेगी. यहां से वह पाकिस्तान और चीन की ओर से किसी भी तरह के हवाई हमले को रोक सकता है और देश की रक्षा कर सकता है. एस-400 मिसाइल सिस्टम को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ एयर डिफेंस सिस्टम में गिना जाता है. एस-400 कई मायनों में अमेरिका के मिसाइल डिफेंस सिस्टम से बेहतर है. इसके जरिए मिसाइल, लड़ाकू विमान, रॉकेट और यहां तक कि ड्रोन हमलों से भी बचाव किया जा सकता है.