कांग्रेस ने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में जब भाजपा को 99 सीटों पर ही सीमित कर दिया था तो उम्मीद की जा रही थी कि शायद 2022 में वह सत्ता के लिए लड़े। लेकिन इस बार उसकी हालत पहले से भी कमजोर नजर आ रही है। अहमद पटेल, राजीव सातव जैसे नेताओं के निधन और राज्य की यूनिट में आपसी कलह से कांग्रेस जूझ रही है। इस बीच उसे एक और बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के सबसे अमीर विधायक रहे इंद्रनील राजगुरु ने पार्टी छोड़ दी है और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। अहम बात यह है कि एक महीने पहले ही कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी।
इंद्रनील के कांग्रेस से एग्जिट के साथ ही अब पाटीदार नेता के आम आदमी पार्टी में ‘हार्दिक’ स्वागत के कयास लग रहे हैं। हार्दिक पटेल ने एक तरफ कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसके नेता ही चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं और राहुल गांधी ने कोई सुनवाई नहीं की है तो वहीं दूसरी तरफ आप के स्टेट चीफ ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है। ऐसे में कयास तेज हो गए हैं कि क्या हार्दिक पटेल आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे। गुजरात की राजनीति के बारे में जानने वाले कहते हैं कि अगले कुछ दिनों में ऐसा हो सकता है।
राजकोट और सौराष्ट्र में है राजगुरु का अच्छा प्रभाव
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उनसे संपर्क साधा है और कहा कि कांग्रेस से ज्यादा बेहतर विकल्प आपके लिए यह पार्टी हो सकती है। इंद्रनील राजगुरु ने भी कहा कि वह आप में इसीलिए शामिल हुए हैं क्योंकि भाजपा से मुकाबला करने में वह कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘गुजरात में मतदाता भाजपा को नहीं चाहते, लेकिन वे कांग्रेस से भी संतुष्ट नहीं हैं। मुझे आप पर भरोसा है और इसलिए मैं इस दल में शामिल हो गया हूं।’ इंद्रनील राजगुरु का राजकोट और सौराष्ट्र क्षेत्र में अच्छा प्रभाव माना जाता है।
राजगुरु बोले- ‘आप’ ही ले सकती है भाजपा से मोर्चा
उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस को छोड़ने पर राजगुरु ने कहा, ‘गुजरात के लोग स्टेट में एक नई पार्टी देखना चाहते हैं। एक ऐसा दल जो आपस में लड़ने की बजाय उनके बारे में विचार करे। आम आदमी पार्टी राज्य में कांग्रेस या भाजपा के मुकाबले बेहतर विकल्प होगी।’ उन्होंने कहा कि लोग भाजपा से परेशान हैं, लेकिन कांग्रेस उसकी जगह लेने की स्थिति में नहीं है। इसलिए मैंने उसे छोड़ा है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते हुए कहा कि वह पार्टी के लिए नहीं बल्कि लोगों की लड़ाई लड़ने वाले नेता हैं।