War News: यूक्रेन से साथ लंबी खिंचती जंग से रूस (Russia) बौखला गया है. उसने यूक्रेन (Ukraine) पर हमले तेज कर दिए हैं और अब खबर है कि वो यूक्रेन में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए बच्चों को इस्तेमाल कर रहा है. ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि इस जंग में बड़े पैमाने पर रूसी सैनिकों की मौत हुई है. ऐसे में उनकी कमी पूरी करने के लिए रूस बच्चों की भर्ती कर रहा है.
इतने बच्चों की होगी भर्ती
‘डेली मेल’ की रिपोर्ट के अनुसार, मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों (Human Rights Organization) ने आरोप लगाया है कि रूस 16 साल के बच्चों को सेना में भर्ती कर रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि क्रेमलिन पूर्वी यूक्रेन में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए बच्चों की भर्ती कर रहा है. उसकी तैयारी करीब 30,000 बच्चों की भर्ती की है, क्योंकि इतनी ही संख्या में उसके सैनिक युद्ध में प्रभावित हुए हैं.
Ukraine ने की जांच की मांग
वहीं, यूक्रेन का कहना है कि बच्चों को सेना में भर्ती करना जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन है. यूक्रेन ने इस मामले की जांच की मांग की है. ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन का आरोप है कि बच्चों को उनकी मर्जी के खिलाफ ट्रेनिंग दी जा रही है और जल्द ही उन्हें जंग के मैदान में भेजा जाएगा. ट्रेनिंग में उन्हें हथियार चलाने से लेकर मिलिट्री और डिफेंस टैक्टिक्स सिखाई जा रही हैं.
संगठनों ने जताई ये आशंका
इन संगठनों को आशंका है कि रूस ने शायद कुछ बच्चों को पहले ही जंग के मैदान में भेजा हो और उनकी मौत हो गई हो. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई ऐसे सैनिक भी जंग के मैदान में दिखाई दिए हैं जिनकी तैनाती युद्ध क्षेत्रों में नहीं की जानी चाहिए थी. उधर, यूक्रेनी संसद में मानवाधिकार आयुक्त ल्यूडमिला डेनिसोवा ने कहा कि बच्चे सैन्य प्रशिक्षण ले रहे हैं. इस दौरान कई की मौत भी हुई है. रूस बच्चों की सेना में भर्ती को बढ़ावा दे रहा है, जो 1949 के जिनेवा कन्वेंशन के कानूनों का उल्लंघन किया है और इसकी जांच होनी चाहिए.
ढाल के तौर पर इस्तेमाल
इसके पहले रूसी सैनिकों पर बच्चों को ह्यूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगा था. यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि दुश्मन अपने काफिले को पीछे ले जाते समय यूक्रेनी बच्चों को ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. रूसी सैनिक ऐसा इसलिए कर रहे हैं, ताकि बच्चों के पेरेंट्स उनकी जानकारी यूक्रेनी सैनिकों को न दे सकें. इसके अलावा, रूसी सैनिकों पर लूटपाट और रेप जैसे आरोप भी लग चुके हैं.