MCD unification: दिल्ली की तीनों नगर निगम के एकीकरण का रास्ता साफ हो गया. संसद के दोनों सदनों से विधेयक के पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी कानून को मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला विधेयक संसद में पेश किया था और कहा था कि एक नगर निगम होने से उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
संसद से पारित हो चुका है बिल
गृह मंत्री अमित शाह ने बिल को पेश करते हुए बताया कि दिल्ली देश की राजधानी है और यहां की तीनों नगर निगमों एक लाख 40 हजार कर्मचारी काम करते हैं. राष्ट्रपति और पीएम के निवास समेत तमाम केंद्रीय दफ्तर यहीं पर स्थित हैं. देशी-विदेशी यात्राओं के लिए दिल्ली बड़ा केंद्र है. ऐसे में इस शहर के बारे में सभी को सोचने की जरूरत है.
उन्होंने नगर निगम के बंटवारे को लेकर भी यूपीए सरकार पर सवाल उठाए थे और कहा कि निगम के बंटवारे का फैसला समझ से बाहर है. साल 2012 तक तीनों MCD एक ही हुआ करती थीं लेकिन यूपीए सरकार ने बेहतर कामकाज का हवाला देकर MCD को तीन हिस्सों में बांट दिया था. इसके बाद से राजधानी में तीन निगम काम कर रहे हैं. साउथ एमसीडी को छोड़ दें तो बाकी दोनों निगमों की आर्थिक हालत काफी खस्ता है और वे अपने कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दे पा रहे हैं. इसके चलते आए दिन कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं और दिल्ली की कचरे के ढेर में तब्दील हो जाती है.
फिलहाल नहीं होंगे MCD चुनाव
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब तीनों MCD के डीलिमिटेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और परिसीमन पूरा होने पर चुनाव कराए जाएंगे. फिलहाल दिल्ली में विपक्षी दल बीजेपी के पास एमसीडी की सत्ता है. दिल्ली में नॉर्थ, साउथ और ईस्ट एमसीडी काम कर रही थीं लेकिन अब इनका मर्जर किया जाएगा.