देश में इन दिनों कोयले की किल्लत के चलते राजधानी दिल्ली समेत कई राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं. राज्यों में कही 2 घंटे बिजली गायब है तो कही 5 से 8 घंटे लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं. देश में बिजली की कुल कमी 62.3 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है. यह आंकड़ा मार्च में कुल बिजली की कमी से अधिक है.
इस संकट के केंद्र में कोयले की कमी है. देश में कोयले से 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन होता है. सरकार दावा कर रही है कि मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध है, लेकिन बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार नौ वर्षों में सबसे कम हैं. दरअसल, देश में कोयले से 70 फीसदी बिजली का उत्पादन होता है. हालांकि इस वक्त कोयले की भारी किल्लत के चलते आम जनता बिजली संकट से जूझ रही है.
आइये देखते हैं इस वक्त देश में बिजली की कहां कितनी कमी है…
देश में कुल कमी 62.3 करोड़ यूनिट
यूपी- 3000 मेगावॉट
पंजाब- 1550 मेगावॉट
तमिलनाडु- 750 मेगावॉट
जम्मू कश्मीर- 500 मेगावट
हरियाणा- 300 मेगावॉट
कोयले की किल्लत और बिजली संकट को लेकर विपक्ष ने केंद्र पर जमकर हमला बोला है. यूपी में बिजली कटौती पर सियासी रंग चढ़ गया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ के एक इफ्तार कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सबसे ज्यादा बिजली वहां काटी जा रही है जहां उनकी पार्टी के वोटर रहते हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि, उमर अब्दुल्ला ने जो बात कही उसमें पूरी सच्चाई है. उत्तर प्रदेश में उन इलाकों में जहां सपा का वोटर रहता है वहां बड़े पैमाने पर बिजली काटी जा रही है. अखिलेश के बयान के बाद यूपी के बिजली मंत्री ए.के शर्मा ने माना है कि बिजली की किल्लत है लेकिन किस खास इलाके में कितनी कटौती की जा रही है वो इस पर नहीं बोले.
इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला भी रमजान पर बिजली कटौती पर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा, मुझे आश्चर्य है कि दिन और रात के बाकी घंटों में बिजली क्यों रहती है लेकिन सेहरी और इफ्तार के समय नहीं. आप सहरी खाने के लिए उठते हैं, बिजली नहीं है और इफ्तार के समय भी ऐसा ही होता है. तरावीह की नमाज के दौरान बिजली नहीं होती है और जब नमाज खत्म हो जाती है तो बिजली बहाल कर दी जाती है.