मिशन मोड पर नहीं हो रहा काम
राजनांदगांव। युद्ध स्तर पर अगर अमृत मिशन का काम नगर निगम द्वारा इस शहर में किया जा रहा होता तो कब से इसका काम पूरा हो गया होता, लेकिन काम पूरा करने के लिये तारीखें बढ़ती जा रही हैं। फलस्वरूप लोग इसके लाभ से वंचित ही रहे हैं और समस्याओं से उन्हें जूझना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में अमृत मिशन के लिये सर्वे हुआ था। उस समय शहर में 35 हजार नल कनेक्शन शहर के लोगों देने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन स्थिति आज यह है कि अमृत मिशन के तहत मीटर सहित नल कनेक्शन के लिये मांग बढ़ती ही जा रही है और पिछला लक्ष्य ही पूरा नहीं हो सका है। दूसरा यह कि अमृत मिशन के लिये खोदे गये गड्ढों को टेस्टिंग के नाम पर छोड़े जाने के बाद से लोगों को आवागमन में भारी परेशानियां झेलनी ही पड़ रहीं हैं।
करीब दो सौ करोड़ की योजना का यह हाल
प्राप्त जानकारी के अनुसार 199 करोड़ रू. की इस दीर्घावधिक योजना अमृत मिशन का ठेका मुंबई की कंपनी एसएमसी ने वर्ष 2018 में लिया था तब से काम युद्ध स्तर पर न किया जाकर रोक-रोक कर और धीमी गति से किया जाता रहा है। हालांकि दिल्ली से मानीटरिंग करने यहां अधिकारी आकर बैठे हुए हैं जो कोरोना की लंबी अवधि को भी कार्य में विलंब का कारण बता चुके हैं। दिसंबर 2021 तक काम कम्प्लीट हो जाना था, लेकिन अब जुलाई 2022 तक के लिये बढ़वा लिया गया है। अब अधिकारी यह कह रहे हैं कि फिजिकल काम खत्म हो गया है और नल कनेक्शन मीटर सहित देने का काम चल रहा है। करीब 25 हजार नल कनेक्शन दिये जा चुके हैं और डिमांड बढ़ती ही जा रही है। ठेके के तहत मीटर लगाने का काम चलता रहेगा और 5 साल तक भी चल सकेगा। एक-एक घर में एक-एक कनेक्शन दिया जाना था, लेकिन लोग अब 2-3 भी ले रहे हैं। एक कनेक्शन का 2400 रू. मीटर सहित के लिये शुल्क निर्धारित किया गया है।
‘‘नल कनेक्शन देने का काम अब लगातार चल रहा है। जैसे-जैसे डिमांड आ रही है वैसे-वैसे भी लगा रहे हैं। कितने कनेक्शन दिये जा चुके हैं यह मैं रिकार्ड देखकर ही बता पाऊंगा।’’
कामनासिंग यादव
सहायक अभियंता,
नगर पालिक निगम