छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव करीब डेढ साल दूर हैं, लेकिन कांग्रेस ने सोशल मीडिया वॉर की तैयारी कर ली है। इस चुनाव में कांग्रेस के आईटी सेल ने नई रणनीतिक तैयारियां तेज की है। कोशिश वॉट्सऐप के सीधे नेटवर्क से पार्टी के पांच लाख कार्यकर्ताओं को जोड़ने की है।
आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष जयवर्धन बिस्सा ने बताया, अभी अधिक से अधिक लोगों तक सोशल मीडिया कंटेंट पहुंचाने पर काम हो रहा है। इसके लिए वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्वीटर सहित दूसरे सोशल मीडिया मंचों पर पहुंच बढ़ाई गई है। बूथ स्तर तक इसका नेटवर्क तैयार हो जाए इसके लिए वहां भी कमेटी का गठन कर सक्रिय लोगों को जिम्मेदारी दी गई है।
एक दिन पहले आईटी सेल और सोशल मीडिया विभाग की एक रणनीतिक बैठक रायपुर में हुई है। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा था कि आगामी चुनाव में भाजपा साम्प्रदायिकता को हथियार बना सकती है। साम्प्रदायिकता की राजनीति का एक ही जवाब है वह है भूपेश सरकार की विकास, विश्वास और सुरक्षा की राजनीति। आईटी सेल को अधिक से अधिक लोगों तक सरकार की योजनाएं, उससे हुए बदलाव और कार्यक्रमों को ले जाना होगा।
आईटी सेल की प्रदेश प्रभारी रुचिरा चतुर्वेदी ने एक बार में ही एक-एक व्यक्ति तक कंटेंट पहुंचाने की क्षमता विकसित करने पर जोर दिया। बताया जा रहा है, कांग्रेस के रणनीतिकारों ने कहा है कि पांच लाख लोगों तक कंटेंट पहुंचने पर वह कम से कम चार-पांच गुना लाेगाें तक आसानी से पहुंच जाएगा। इससे मतदाताओं के एक बड़े वर्ग तक संगठन की बात सीधे पहुंच जाएगी।
बताया जा रहा है, 2023 के चुनाव से पहले कांग्रेस का आईटी सेल सोशल मीडिया में नरेटिव सेट करने पर काम करने जा रहा है। कांग्रेस के आईटी रणनीतिकारों को लग रहा है कि अब वे इस स्थिति में हैं कि काउंटर नरेटिव में उलझने की जगह पार्टी का नरेटिव आगे बढ़ाएं। विपक्ष उसको काउंटर करे तो उसके लिए काउंटर अटैक की अलग रणनीति बने। इसका फायदा यह होगा कि सोशल मीडिया बहस उनके छेड़े विषयों के आसपास ही केंद्रित रहेगी।
प्रदेश कांग्रेस आईटी सेल के अध्यक्ष जयवर्धन बिस्सा का कहना है, विपक्ष खासकर भाजपा चुनावों में फेक न्यूज का इस्तेमाल करती रही है। अभी भी वॉट्सऐप जैसे मंचों पर इसका इस्तेमाल जारी है। इसको काउंटर करने के लिए फेक न्यूज मॉनिटरिंग सेल बनाया गया है। किसी को पार्टी या हमारी सरकार के खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री मिलती है तो वह मॉनिटरिंग सेल के ध्यान में ला सकता है। वह सेल उसकी छानबीन कर सही तथ्य भेजेगा। यह तथ्य उस व्यक्ति को भेजा जाएगा जिसने फेक न्यूज पोस्ट की थी। उसे सभी जगह से कंटेंट हटाने को कहा जाएगा। अगर बात नहीं सुनी गई तो लीगल एक्शन भी लिया जाएगा।