कोल क्राइसिस पर सोमवार दोपहर गृहमंत्री अमित शाह के घर पर बड़ी बैठक चल रही है। इस मीटिंग में रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव, ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी शामिल हैं। बैठक के लिए कोयला और ऊर्जा सचिव समेत कई बड़े अधिकारियों को भी बुलाया गया है। पिछले दिनों बिजली संकट के बाद कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोल क्राइसिस का मुद्दा उठाया था।अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ (AIPEF) के मुताबिक राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं। AIPEF के प्रवक्ता वीके गुप्ता का कहना है कि गर्मी के दिनों में बिजली की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में बिजली प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए ज्यादा कोयला की जरूरत होती है।
देश भर में तेज गर्मी के बीच इस हफ्ते में पीक पावर सप्लाई तीन बार रिकॉर्ड लेवल तक पहुंची। पीक पावर सप्लाई ने 26 अप्रैल को रिकॉर्ड 201.65GW के लेवल को छुआ। इसके बाद 28 अप्रैल को 204.65 GW का नया रिकॉर्ड बनाया और 29 अप्रैल को 207.11GW के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई। 27 अप्रैल को यह 200.65GW थी और 25 अप्रैल को 199.34 GW। पिछले साल 7 जुलाई को पीक पावर सप्लाई 200.53 GW रही थी।
भारत करीब 200 गीगावॉट बिजली, यानी करीब 70% बिजली का उत्पादन कोयले से चलने वाले प्लांट्स से करता है। देश में कोयले से चलने वाले 150 बिजली के प्लांट्स है। पिछले दिनों बिजली संकट गहराने पर बिजली प्लांट्स तक कोयला ले जाने वाली ट्रेनों को रास्ता देने के लिए रेलवे ने ट्रेनों के 670 फेरे रद्द कर दिए थे।