सस्ते लोन का दौर अब खत्म हो गया है। केंद्रीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद अब रेपो रेट की नई दर 4.40 फीसदी हो गई है। इसका सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा, जो होम या कार लोन लेने की योजना बना रहे हैं। वहीं, जिन ग्राहकों ने पहले से लोन ले रखी है, उनके ईएमआई का बोझ भी बढ़ने वाला है। अब सवाल है कि रेपो रेट बढ़ोतरी की वजह से ईएमआई का कितना बोझ बढ़ेगा। आइए इसको भी समझ लेते हैं।
क्या है कैल्कुलेशन: मान लीजिए कि आपने 20 साल की अवधि के लिए 30 लाख रुपये का लोन ले रखा है। वर्तमान में इस पर 6.8 फीसदी के हिसाब से ब्याज दे रहे हैं तो आपकी ईएमआई 22,900 रुपये पड़ती है। अब आरबीआई के नए फैसले के लागू होने के बाद ब्याज की दर 7.2 फीसदी हो जाने की आशंका है। ऐसी स्थिति में 23,620 रुपये प्रति माह लोन की ईएमआई देनी होगी।
इस लिहाज से देखें तो 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लेने वाले ग्राहक की ईएमआई 720 रुपये बढ़ जाएगी। आपको बता दें कि सैलरीड ग्राहकों के हिसाब से ये कैल्कुलेशन किया गया है। रकम और अवधि में बदलाव करते हैं तो ईएमआई में भी अंतर आ जाएगा।
0.40 फीसदी बढ़ोतरी: बता दें कि बुधवार को केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेपो रेट में 0.40 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान किया था। रेपो रेट बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दी गई है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार 11 वीं बार कोई बदलाव नहीं किया था।